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कांग्रेस में ज्वाइनिंग डे: मंत्री गोविंद के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले धनोरा और अवधेश नायक कांग्रेस में शामिल

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भोपाल
देश की मशहूर शायर अंजुम रहबर अब सियासत में भी किस्मत आजमाने आ गई है। उन्होंने आज कांग्रेस की सदस्यता ली। उन्हें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने पार्टी की सदस्यता दिलाई। कांग्रेस में शामिल होते ही उन्होंने कहा कि ‘नफरत के चिरागों को बुझाने को आई हूं, खुशबू मोहब्बतों की लुटाने आएं हूं…झठे- फरेबी लागे है हमारे सामने, जो हम कहेंगे वो वादा निभाएंगे…’। अंजुम रहबर मूलत: गुना की रहने वाली है। उन्होंने देश भर में हुए कवि सम्मेलनों और मुशयरा में हिस्सा लिया है। उनकी कई गजल और गीत खासे प्रसिद्ध रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पार्टी यदि मौका देगी तो चुनाव लडूंगी, हालांकि साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वे चुनाव लड़ने की मंशा से कांग्रेस में नहीं आई। उन्होंने कहा कि समाज सेवा करना है, इसके लिए कई रास्ते हो सकते हैं। उन्होंने राजनीति में आने के लिए कांग्रेस को ही क्यों चुना इस सवाल पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस में उन्हें हकीकत नजर आती है।

हिंदी साहित्य में उनके योगदान के लिए अंजुम रहबर को कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं। इनमें इंदिरा गांधी पुरस्कार, राम-रिख मनहर पुरस्कार, साहित्य भारती पुरस्कार, हिन्दी साहित्य सम्मेलन पुरस्कार, अखिल भारतीय कविवर विद्यापीठ पुरस्कार, चित्रांश फिराक गोरखपुरी पुरस्कार, गुना का गौरव पुरस्कार उन्हें मिल चुका है।

गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के गढ़ में कांग्रेस ने सेंध लगा दी है। रविवार काे दतिया के कद्दावर भाजपा नेता और पूर्व दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री अवधेश नायक कांग्रेस में शामिल हो गए। सागर जिले की सुरखी के राजकुमार सिंह धनौरा ने भी कांग्रेस जॉइन कर ली। शायर और गीतकार राहत इंदौरी की पत्नी शायर अंजुम रहबर ने भी कांग्रेस की सदस्यता ली।

अवधेश नायक और राजकुमार सिंह धनौरा को पीसीसी दफ्तर में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस की सदस्यता दिलाई। लंबे समय से इन दोनों नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें चल रही थीं।

इमरती देवी के कांग्रेस जॉइन करने की अटकलों पर MP कांग्रेस के चीफ कमलनाथ ने कहा, हमारे सिद्धांत क्या हैं, शिवराज सिंह का भी स्वागत है अगर वे हमारे सिद्धांत मान लें और कार्यकर्ता उन्हें स्वीकार कर लें।

नरोत्तम के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ चुके नायक
2008 में विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन होने के बाद डबरा से तत्कालीन विधायक डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने दतिया से BJP के टिकट पर चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में नरोत्तम के खिलाफ अवधेश नायक ने पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की भारतीय जनशक्ति पार्टी (BJSP) से चुनाव लड़ा था। नरोत्तम मिश्रा ने 11,233 वोट के मार्जिन से जीत दर्ज की थी।

इस चुनाव में नरोत्तम मिश्रा को 34,489 वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर रहे बसपा प्रत्याशी राजेन्द्र भारती को 23,256 वोट, तीसरे नंबर पर रहे कांग्रेस प्रत्याशी घनश्याम सिंह को 19,209 वोट और चौथे नंबर पर रहे अवधेश नायक को 13,830 वोट मिले थे।

2016 में मिला था राज्यमंत्री का दर्जा
दतिया से चुनाव हारने के बाद अवधेश नायक ने फिर BJP में वापसी की। 2013 और 2018 के चुनाव में टिकट की दावेदारी की। 2016 में उन्हें मप्र पाठ्यपुस्तक निगम का उपाध्यक्ष बनाकर राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया था। इसके बाद से ऐसा लग रहा था कि अब नरोत्तम और नायक के बीच सुलह हो गई है। नायक, नरोत्तम के खिलाफ चुनाव नहीं लडेंगे। लेकिन, अब BJP में टिकट की उम्मीद टूटने के बाद अवधेश नायक ने रविवार को कांग्रेस की सदस्यता ले ली।

मंत्री राजपूत की मुसीबतें बढ़ाएंगे धनौरा
BJP ने राजकुमार सिंह ठाकुर 'धनौरा' को पिछले साल अक्टूबर में निष्कासित कर दिया था। वजह थी- सागर जिले की सुरखी विधानसभा क्षेत्र से विधायक और मध्यप्रदेश सरकार के राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ लगातार बयान देना।

सागर में BJP किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष रह चुके राजकुमार सिंह धनौरा राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की मुसीबतें बढ़ाएंगे। धनौरा सागर के सांसद राजबहादुर सिंह और नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के रिश्तेदार हैं। अब कांग्रेस में शामिल होने के बाद वे सुरखी सीट से टिकट की दावेदारी कर सकते हैं।