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लव अफेयर पर क्या बोल गए सीएम अशोक गहलोत, CM ने माता-पिता को दी ये सलाह

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 जयपुर

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जब मां-बाप का दिल बड़ा हो। आप मान लीजिए अगर किसी का लव अफेयर है। मां-बाप को समझाने की कोशिश करनी चाहिए। उन्हें शादी करने की छूट देनी चाहिए। गहलोत ने यह भी कहा कि बीजेपी के लोग राजस्थान और छत्तीसगढ़ की मणिपुर से तुलना करते हैं। यह ओछी राजनीति है। कुछ बच्चे खुदकुशी कर रहे हैं। कुछ बच्चे एक-दूसरे को मार रहे हैं। ये घटनाएं तभी रुक सकती हैं।सीएम अशोक गहलोत ने राजधानी जयपुर के एसएमएस स्टेडियम में शहरी और ग्रामीण ओलिंपिक का उद्घाटन करने के बाद मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सिर्फ मणिपुर की घटना को दबाना चाहती है। वहां 100 से ज्यादा रेप की घटनाएं हो चुकी हैं। 4000 से ज्यादा एफआईआर दर्ज हो चुकी है। राजस्थान की मणिपुर से तुलना करके बदनाम करने की कोशिश हो रही है।

समाज को मोटिवेट और शिक्षित करने की जरूरत है

सीएम ने बहन-बेटियों के साथ हो रही छेड़छाड़ की घटनाओं को लेकर कहा- मनचलों के नाम राजस्थान लोक सेवा आयोग को भेजेंगे। ये जो रेप और अत्याचार हो रहा है। इसे हम सबको मिलकर ठीक करना होगा। समाज को मोटिवेट और शिक्षित करने की जरूरत है। परिवार में बच्चे-बच्चियों का ध्यान रखें। लड़के-लड़कियां बिना पूछे घर से चले जाते हैं। ऐसी नौबत नहीं आनी चाहिए। परिवार के लोगों को भी समझना चाहिए कि बच्चों के दिल, दिमाग में क्या है? उसका ख्याल जरूर रखें। उन्होंने कहा- मां-बाप बच्चों पर प्रेशर बनाते हैं। बच्चे घर से बाहर निकल जाते हैं। जैसे ब्यावर की घटना थी। लड़का-लड़की दोनों माइनर थे। दोनों भागकर जोधपुर चले गए। वहां से अहमदाबाद जा रहे थे।

मनचलों का करेंगे इलाज

सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि आज का युवा कल का भविष्य होगा। हमारे युवा अच्छे साइंटिस्ट, टेक्नोक्रेट, डॉक्टर, इंजीनियर बनेंगे। ऑल इंडिया सर्विस में शामिल होंगे। सोशल वर्कर बनेंगे। मैं देखता हूं, जो मनचले लड़के होते हैं। वे पूरा माहौल खराब कर देते हैं। लड़कियों के साथ बदतमीजी करते हैं। हमने 4 अगस्त को ही डीजीपी, होम सेक्रेटरी को मनचलों का इलाज करने के आदेश दिए हैं। अब इन लोगों के नाम राजस्थान लोक सेवा आयोग , कर्मचारी चयन बोर्ड और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करा रही संस्थाओं को भी भेजे जाएंगे। हालांकि सीएम ने यह स्पष्ट नहीं किया कि इन संस्थाओं को नाम भेजे जाने के मायने क्या हैं। गहलोत ने आगे कहा- जो बहन-बेटियां जो पढ़ने आती हैं, मनचले उनसे बदतमीजी करते हैं। छेड़छाड़ करते हैं। ऐसा हम किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे।