वॉशिंगटन
अमेरिका ने रूस और चीन से पैदा हो रहे खतरों के बीच अपने सबसे बड़े दुश्मन का खुलासा किया है। रूसी स्पेस फोर्स के एक वरिष्ठ खुफिया अधिकारी ने बताया है कि उनकी टीम खुफिया जानकारी एकत्र करने की आधी गतिविधियों को पूरी तरह से चीन पर केंद्रित कर रही है। इससे अंतरिक्ष शक्ति के रूप में चीन के तेजी से विकास पर नजर रखने में सहूलियत मिल रही है। इस खुलासे से पता चला है कि वर्तमान में अमेरिका के लिए रूस से कम बल्कि चीन से ज्यादा खतरा है। इस कारण अमेरिका ने अपने स्पेस फोर्स की आधी ताकत चीन की जासूसी करने में झोंक दी है। वहीं, रूस के खिलाफ स्पेस फोर्स की सिर्फ 25 फीसदी टीम ही काम कर रही है, वो भी ऐसे समय में जब पुतिन की सेना यूक्रेन में युद्ध लड़ रही है।
स्पेस फोर्स की आधी टीम चीन पर रख रही नजर
अमेरिकी स्पेस फोर्स के इंटेलिजेंस ऑपरेशन के डिप्टी चीफ मेजर जनरल ग्रेगरी गगनोन ने स्पेस फोर्स एसोसिएशन को बताया कि खुफिया नजरिए से … हम जो भी करते हैं उसका लगभग आधा हिस्सा चीन पर केंद्रित होता है। हम जो कुछ भी करते हैं उसका लगभग 25 प्रतिशत रूस पर केंद्रित है, और इसमें से बहुत कुछ यूक्रेन में मौजूदा संघर्ष के कारण करना पड़ता है। उन्होंने यह भी कहा कि बाकी का 25 फीसदी उस पर केंद्रित होता है जिसे हम शेष विश्व या वाणिज्यिक क्षेत्र कहते हैं। यह वाणिज्यिक क्षेत्र पर जासूसी नहीं है, बल्कि केवल खुफिया दृष्टिकोण से वाणिज्यिक क्षेत्र को समझना होता है।
स्पेस फोर्स में 1500 से अधिक प्रोफेशनल्स
गगनोन ने कहा कि स्पेस फोर्स में अब 1500 से अधिक स्पेस इंटेलिजेंस प्रोफेशनल्स हैं और यह सर्विस पहले से ही लाभ देख रही है, विशेष रूप से अमेरिकी अंतरिक्ष प्रणालियों के लिए बढ़ते खतरों के बारे में रक्षा विभाग को बड़े पैमाने पर जानकारियां देने के संबंध में। स्पेस फोर्स के प्रमुख खुफिया ऑपरेशन नेशनल स्पेस इंटेलिजेंस सेंटर (एनएसआईसी) के जरिए होते है, जिसे स्पेस ऑपरेशंस कमांड के तहत डेल्टा 18 के रूप में भी जाना जाता है। इस कमांडर को जून 2022 में ओहियो के डेटन में राइट पैटरसन एएफबी में स्थापित किया गया था।
अंतरिक्ष में तेजी से ताकत जुटा रहा चीन
गैगनन ने कहा, "एनएसआईसी… बड़े पैमाने पर चीन, रूस, बाकी दुनिया को समझने का उत्कृष्ट काम करता है ताकि हम आश्चर्यचकित न हो सकें।" अमेरिकी सेना के प्रमुख प्रतिद्वंद्वी के रूप में चीन पर वायु सेना सचिव फ्रैंक केंडल के फोकस का संदर्भ देते हुए, गैगनन ने बताया कि चीनी सरकार विशेष रूप से लगातार निगरानी रखती है क्योंकि वह तेज गति से वह दुनिया भर में अपनी अंतरिक्ष क्षमताओं में सुधार कर रही है। उन्होंने कहा कि लगभग तीन या चार साल पहले, पीआरसी (चीन) को केवल 400 उपग्रह मिल रहे थे। आज, वे 800 पार करने वाले हैं।
चीन के पास अंतरिक्ष में मार करने वाले कई हथियार
गैगनन ने कहा, चीन के अंतरिक्ष हथियारों के शस्त्रागार में पृथ्वी से लॉन्च होने वाली मिसाइलें शामिल हैं जो ऊपर जाती हैं और उपग्रहों को नष्ट कर देती हैं। इसमें लेजर भी शामिल हैं और जैमर भी। लेकिन, इसे बेहतर ढंग से समझने पर पता चलता है कि चीन तेजी से अपनी अंतरिक्ष क्षमता बढ़ा रहा है। उसके पास अंतरिक्ष तक मार करने वाली मिसाइलों के अलावा, दुश्मन के सैटेलाइटों को खाने वाले उपकरण भी मौजूद हैं।