नई दिल्ली
संसदीय समिति ने कहा है कि पिछले दो दशकों से विकास पथ पर होने के बावजूद भारत में नागरिक उड्डयन क्षेत्र को विकास का पूरा लाभ नहीं मिल पाया है। समिति ने कहा कि भारत में नागरिक उड्डयन क्षेत्र पिछले दो दशकों से विकसित हो रहा है, लेकिन यह भारतीय आर्थिकी और जनसांख्यिकीय लाभांश में वृद्धि का पूरा लाभ नहीं उठा पाया है।
22 हवाई अड्डे ही काम रहे लाभ
समिति ने शुक्रवार को राज्यसभा में पेश रिपोर्ट में कहा कि भारत में 148 परिचालन हवाईअड्डे हैं, जो भारत जैसे बड़े देश के लिए बहुत कम है। इन 148 हवाईअड्डों में से केवल 22 लाभ कमा रहे हैं। समिति ने कहा, दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ने वाला विमानन बाजार होने के बावजूद, देश के हवाईअड्डों के विस्तार को गति नहीं मिल पाई है, जो विमानन उद्योग के विकास में बाधा बन रही है। यह देखते हुए कि नागरिक उड्डयन ग्राहक-केंद्रित उद्योग है, उपभोक्ता हित सर्वोपरि होना चाहिए। यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलनी चाहिए। समिति ने हवाईअड्डे के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने की सरकार की योजनाओं का स्वागत करते हुए कहा कि इससे आर्थिक लाभ होना निश्चित है।