नईदिल्ली
केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स से जुड़े आइटम को लेकर शुक्रवार को जो बड़ा फैसला लिया था फिलहाल उस पर रोक लगा दी है। इससे कंपनियों को आयात करने के लिए तीन महीने का समय मिल गया है। अब इन कंपनियों को एक नवंबर से उपकरणों को आयात करने के लिए सरकार से लाइसेंस लेना होगा।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की जारी अधिसूचना में अब उलटफेर हो गया है। इसमें किसी भी इकाई को बिना लाइसेंस के लैपटॉप, कंप्यूटर और संबंधित वस्तुओं को आयात करने की अनुमति नहीं थी।
एक अधिसूचना में कहा गया है कि अब सरकार ने लैपटॉप पर लगाया गया बैन 1 नवंबर से लागू करने का फैसला किया है। ऐसे में लैपटॉप कंपनियों को करीब 3 महीने की राहत मिल गई है।
अधिसूचना में कहा गया है कि ''लाइसेंस के बिना टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर और सर्वर की आयात खेपों को 31 अक्टूबर, 2023 तक मंजूरी दी जा सकती है।''
केंद्र ने कहा है कि यह प्रतिबंध सुरक्षा कारणों और आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए लगाए गए थे।
ऐसा कहा जाता है कि यह घोषणा इस आशंका के बीच की गई है कि प्रतिबंधों से आपूर्ति प्रभावित हो सकती है, जिससे इन टूल्स की कीमतें बढ़ सकती हैं। शुक्रवार यानी 4 अगस्त देर रात प्रकाशित एक अधिसूचना में, कमर्शियल और इंडस्ट्री मंत्रालय ने कहा कि नए आयात नियम का कार्यान्वयन 31 अक्टूबर तक प्रभावी नहीं होगा। नए नियम 1 नवंबर से लागू होंगे।
लैपटॉप आयात प्रतिबंध क्या है?
सरकार ने 4 अगस्त को लैपटॉप, टैबलेट और पर्सनल कंप्यूटर को प्रतिबंधित आयात की सूची में जोड़ा। सूची में टायर, टेलीविजन सेट और एयर कंडीशनर शामिल हैं। इन वस्तुओं का आयात अब विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) से लाइसेंस मिलने के बाद ही किया जा सकेगा। वियतनाम के साथ-साथ चीन और दक्षिण कोरिया को आयात के सबसे बड़े स्रोतों में से एक माना जाता है।
निर्धारित ट्रांजिशन टाइम
इससे पहले दिन में, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने उद्योग को आश्वासन दिया कि एक ट्रांजिशन टाइम होगा। इसे लागू करने के लिए एक ट्रांजिशन टाइम होगी, जिसे जल्द ही नोटिफिकेशन किया जाएगा।
सप्लाई चेन जारी रखने के लिए जरूरी होगा लाइसेंस
ऐसा कहा जाता है कि सरकार ने क्षति नियंत्रण मोड में कदम रखा है क्योंकि सैमसंग, डेल और एपल जैसी कंपनियों को देश में शिपमेंट रोकने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि उन्हें सप्लाई चेन जारी रखने के लिए शुक्रवार (4 अगस्त) से लाइसेंस की जरूरत होगी। गुरुवार की नोटिफिकेशन में कहा गया कि आयात पर प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से लागू होता है। इसका मतलब यह हुआ कि कंपनियों को नई व्यवस्था लागू करने से पहले 12 घंटे से भी कम समय मिला।
बेहतर सिस्टम के लिए किए गए बदलाव
इस कदम की आलोचना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मंत्री ने एक ट्विटर पोस्ट में कहा कि विश्वसनीय हार्डवेयर सिस्टम सुनिश्चित करना, आयात पर निर्भरता कम करना और इस कटैगरी के प्रोडक्ट के घरेलू एमएफजी को बढ़ाना सरकार का उद्देश्य है। उन्होंने आगे कहा कि यह बिल्कुल भी लाइसेंस राज के बारे में नहीं है – यह विश्वसनीय और सत्यापन योग्य सिस्टम को सुनिश्चित करने के लिए आयात को विनियमित करने और यह सुनिश्चित करने के बारे में है कि भारत तकनीकी इको-सिस्टम केवल विश्वसनीय और सत्यापित सिस्टम का उपयोग करता है जो आयातित और / या घरेलू स्तर पर निर्मित विश्वसनीय सिस्टम / उत्पाद हैं ।
क्यों लगाया गया प्रतिबंध
हालांकि नवीनतम आयात प्रतिबंध के लिए कोई कारण नहीं बताया गया, अधिकारियों ने कहा कि यह ‘नागरिकों की सुरक्षा की रक्षा’ के लिए किया गया है और कहा कि आयात केवल विश्वसनीय स्रोतों से ही अनुमति दी जाएगी। एक अधिकारी ने कहा कि कुछ हार्डवेयर में संभावित रूप से सुरक्षा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं और संवेदनशील और व्यक्तिगत डेटा से समझौता हो सकता है। हमने उनमें से कुछ वस्तुओं को ध्यान में रखा है।