भोपाल
नेशनल हेल्थ मिशन के अंतर्गत वर्ष 2030 तक भारत को रेबीज मुक्त करने के उद्देश्य से शुक्रवार 4 अगस्त को प्रशासन अकादमी में रेबीज के उन्मूलन पर एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला हुई, रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम यूनिट, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा आयोजित कार्यशाला में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की प्रबंध निदेशक श्रीमती प्रियंका दास ने राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम के दिशा निर्देशानुसार मध्यप्रदेश से रेबीज के उन्मूलन का स्टेट एक्शन प्लान बनाने संबंधी विचार साझा किये। उन्होंने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक एंटी रेबीज वैक्सीन की उपलब्धता को सुनिश्चित करने पर विशेष जोर दिया।
कार्यक्रम में सभी जिलों के एपिडोमोलाजिस्ट और संबंधित अन्य विभागों के अधिकारी शामिल हुए और रेबीज मुक्त मध्यप्रदेश पर चर्चा की और इसी क्रम में कार्यशाला के दौरान राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र, भोपाल नगर निगम, राज्य पशुपालन विभाग, गाँधी मेडिकल कॉलेज एवं अन्य विभागों के अधिकारी ने रेबीज बीमारी का उन्मूलन अन्तर्विभागीय समन्वय से संभव बताया।
रेबीज के प्रति जन-समूह में जागरूकता फैलाने के लिए मिशन संचालक (एन.एच.एम), उप संचालक (एनआरसीपी), संचालक (आईईसी ब्यूरो), निदेशक (पंचायती राज विभाग) एवं निदेशक (पशुपालन एवं डेयरी विभाग) और सहयोगी संस्था पाथ, पी.एस.आई समग्र के तकनीकी सहयोग से तैयार की गए आई.ई.सी पोस्टर और स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए रेबीज हैंडबुक का विमोचन किया गया। राज्य आई.ई.सी ब्यूरो की अध्यक्ष डॉ. रचना दुबे ने रेबीज को फैलने से रोकने के लिए जन-जागरूकता बढ़ाने की अपील की और इसके विभिन्न परिणामों पर चर्चा भी की।
इसी श्रंखला में विभिन्न विषय-विशेषज्ञों द्वारा रेबीज के उन्मूलन के लिए प्रयास किये जा रहे विभिन्न गतिविधियों के बारे में प्रेजेंटेशन दी गई, जिसमें मुख्यतः रेबीज फ्री सिटी इनिशिएटिव, मॉडल रेबीज क्लीनिक, रेबीज मुक्त भारत के लिए नेशनल एक्शन प्लान, रेबीज के प्रति जागरूकता शामिल हैं।
कार्यशाला के अंतिम चरण में सभी प्रतिभागियों को चर्चा के लिए आमंत्रित किया गया, जहाँ प्रतिभागियों ने अपने जिलों में रेबीज से हो रही घटनाओं और उसे रोकने के लिए उचित कदम के बारे बताया।