मुंबई
कर्नाटक से शुरू हुआ 'बुर्का विवाद' अब मुंबई में भी एक कॉलेज में देखने को मिला है। सेंट्रल मुंबई के चेंबूर स्थित एक कॉलेज में बुर्का पहनकर आने वाली छात्राओं को कैम्पस में प्रवेश करने से रोक दिया गया था । इसके बाद अभिभावकों और छात्रों ने कॉलेज गेट के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। करीब एक घंटे बाद कॉलेज प्रशासन ने उन्हें एंट्री दी। हालांकि यह छूट सिर्फ 8 अगस्त तक के लिए है। उसके बाद नियमों का पालन करना ही होगा।
मुंबई के कॉलेज में हिजाब बैन-क्या है बुर्का विवाद, पढ़िए 10 बड़ी बातें
1.मामला मुंबई के चेंबूर स्थित एनजी आचार्य और डीके मराठे कॉलेज का है। बुर्का में एंट्री नहीं दिए जाने को लेकर महिला स्टूडेंट्स और उनके परिवार वालों ने कॉलेज के बाहर प्रदर्शन किया।
2. कॉलेज मैनेजमेंट ने पुलिस बुलाई। इसके बाद कॉलेज प्रशासन से बातचीत के बाद स्टूडेंट्स को एंट्री दी गई।
3. कॉलेज प्रशासन का तर्क है कि 1 मई को पैरेंट्स-टीचर की मीटिंग में नई यूनिफॉर्म पॉलिसी के बारे में बताया गया था। इसके तहत छात्राएं न तो दुपट्टा रख सकती हैं और न ही बुर्का पहन सकती हैं।
4. कॉलेज की नई यूनिफॉर्म पॉलिसी में स्टूडेंट्स को टाई और किसी तरह के स्टीकर के इस्तेमाल से भी मनाही है। इसके पीछे कॉलेज प्रशासन का मानना है कि नई नीति से स्टूडेंट्स के बीच उनकी आर्थिक हालात, जाति, धर्म और सोशल स्टेटस से परे समानता लाने की कोशिश है।
5. कॉलेज मैनेजमेंट के अनुसार, नई नीति 1 अगस्त से लागू की गई है। सुरक्षा गार्ड को इस बारे में आदेश दिया गया था। इसलिए उन्होंने बुर्का पहने आईं स्टूडेंट्स को एंट्री नहीं दी।
6.मुस्लिम छात्राओं ने तर्क दिया कि वे हिजाब या बुर्का पहने बिना घर से निकलने में असहज महसूस करती हैं। यह धार्मिक प्रथा है। छात्राओं ने स्कार्फ पहनने की अनुमति मांगी है।
7. विवाद के बाद कॉलेज मैनेजमेंट ने बुधवार शाम एक बयान जारी करके कहा कि छात्राओं को उनकी सुरक्षा और सम्मान को ध्यान में रखते हुए बुर्का, हिजाब या स्कार्फ पहनकर कॉलेज में एंट्री मिलेगी।
8. हालांकि कॉलेज प्रिंसिपल ने यह भी क्लियर किया कि क्लास में जाने से पहले बुर्का-हिजाब या स्कार्फ वॉशरूम में उतारना होगा।
9. बता दें कि पिछले साल कर्नाटक के कॉलेजों में हिजाब पर प्रतिबंध का मामला सुर्खियों में आया था।
10. कर्नाटक हिजाब विवाद अभी सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। इस पर फैसला आना बाकी है।