क्रेविंग होने पर व्यक्ति को बाहर का खाना या जंक फूड खाने की इच्छा होती है। ऐसे में किशमिश काफी उपयोगी हो सकती है। इससे बचने के लिए किशमिश मुंह में डालें और धीरे-धीरे चबाएं। इससे न केवल क्रेविंग की समस्या व थकान दूर होगी, बल्कि तत्काल ऊर्जा भी मिलेगी। इससे पेट भी भरा महसूस होगा।
कैलोरी में कम और पोषक तत्त्वों से भरपूर, किशमिश एक बेहतरीन मिड-डे स्नैक है। इसमें नेचुरल मिठास और लेप्टिन होते हैं, जिनमें भूख कम करने वाले गुण होते हैं। किशमिश आपको लंबे समय तक संतुष्ट और भरा हुआ रखने का काम करती है। इसमें शक्तिशाली न्यूरोट्रांसमीटर होते हैं, जो भूख-तनाव कम और पाचन धीमा कर सकते हैं।
जंक फूड खाने के नुकसान, सिर दर्द की समस्या
फास्ट फूड में मोनोसोडियम ग्लूटामेट (टरॠ) का उपयोग होता है। इस कंपाउंड से चाइनीज रेस्टोरेंट सिंड्रोम हो सकता है। फास्ट फूड खाते ही सिरदर्द और अन्य लक्षण नजर आने लगते हैं। रिसर्च के अनुसार, जंक फूड से मांसपेशियों में संकुचन होता है, जिससे सिरदर्द होता है। यही कारण है माइग्रेन पीड़ितों को फास्ट फूड से परहेज करने की सलाह दी जाती है।
डिप्रेशन की समस्या
जंक फूड खाने से डिप्रेशन की समस्या हो सकती है। एक अध्ययन से पता चलता कि जंक फूड के सेवन से कई तरह की मानसिक समस्याएं होती हैं, जिनमें से एक अवसाद भी है। इससे व्यवहार हिंसात्मक भी हो सकता है।
मुंहासों की परेशानी
जंक फूड का सेवन मुंहासों का कारण बन सकता है। रिसर्च के दौरान पाया गया है कि इंस्टेंट नूडल्स, जंक फूड, काबोर्नेटेड ड्रिंक्स, स्नैक्स, प्रोसेस्ड चीज, चिकन का सेवन करने वालों को मुंहासे की परेशानी अधिक होती है।
सड़न की समस्या
जंक फूड खाने से दांतों की सड़न की समस्या भी हो सकती है। बच्चों के दांतों की सड़न मुख्य रूप से जंक फूड जैसे कि कैंडी, चॉकलेट, चिप्स, बिस्कुट व चीनी युक्त पेय पदार्थ के सेवन के कारण हो सकती है।
हृदय रोग का जोखिम
जंक फूड भी हृदय रोगों का एक प्रमुख कारण है। यह धमनियों में प्लाक बनाता है, जिसकी वजह से हृदय के नीचे की ओर रक्त को पंप करते समय अधिक दबाव पड़ता है। वहीं, ऊपर की ओर हृदय में रक्त की वापसी में भी कमी होती है।
रक्तचाप से जुड़ी समस्या
जंक फूड के नुकसान में रक्तचाप जैसी समस्या भी शामिल है। जंक फूड के नियमित सेवन से शरीर में अधिक मात्रा में नमक पहुंचता है, क्योंकि फास्टफूट में नमक अधिक होता है। इससे रक्तचाप बढ़ने यानी उच्च रक्तचाप हो सकता है।
मोटापा
ईरानी 6 से18 वर्ष की आयु के बच्चों व व्यस्कों पर किया गया रिसर्च प्रकाशित है। साल 2011-2012 में हुए इस रिसर्च के दौरान आहार में जंक फूड जैसे कि नमकीन स्नैक्स, मिठाई, मीठे पेय पदार्थ और फास्ट फूड को शामिल किया गया। नतीजन जंक फूड खाने वालों में मोटापे का जोखिम बढ़ा हुआ मिला।
कोलेस्ट्रॉल का स्तर
हृदय रोग व मोटापे के अलावा जंक फूड का सेवन कोलेस्ट्रॉल व लीवर को भी प्रभावित कर सकता है। जंक फूड के कारण उच्च कोलेस्ट्रॉल की समस्या होती है, जिससे लीवर को भी नुकसान पहुंचाता है।
मधुमेह का जोखिम
जंक फूड के नुकसान में मधुमेह की समस्या भी शामिल है। मधुमेह एक क्रोनिक मेटाबोलिक डिसआॅर्डर है, जो हाइपरग्लेसेमिया, ग्लाइकोसुरिया, हाइपरलिपीमिया, नकारात्मक नाइट्रोजन संतुलन और कई बार केटोनीमिया का कारण बनता है। जंक फूड के सेवन से 90% से अधिक मामले टाइप 2 मधुमेह के हो सकते हैं।