पटना
बिहार सरकार के शिक्षा विभाग मनमानी तरीके से चल रहे कोचिंग संस्थानों पर नकेल कसने की तैयारी में जुट गया है. बिहार शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव केके पाठक ने सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राओं की लगातार कम हो रही अटेंडेंस को लेकर कई जरूरी फैसले लिए हैं, जिनमें राज्य के कोचिंग सेंटर की टाइमिंग भी शामिल है.
दरअसल, बिहार में अधिकतर कोचिंग संस्थान सुबह 9 बजे से शुरू हो जाता है जिसके कारण कई छात्र और छात्राएं स्कूल ना जाकर कोचिंग संस्थानों में पढ़ाई करने के लिए पहुंचते हैं. इससे सरकारी स्कूलों में छात्रों की अटेंडेंस काफी कम हो रही है. खासकर कक्षा 9वीं से 12वीं क्लास के छात्र-छात्राओं की अटेंडेंस कम हो रही है. इसे देखते हुए केके पाठक ने सभी जिला अधिकारियों को पत्र लिखकर आदेश दिया है कि उनके जिले में सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे के बीच किसी भी कोचिंग संस्थानों का संचालन नहीं किया जाए ताकि छात्र स्कूल जा सके.
सभी जिलाधिकारियों को लिखे पत्र में केके पाठक ने यह भी मुद्दा उठाया है की कोचिंग संस्थानों में ज्यादातर सरकारी शिक्षक भी जाकर पढ़ते हैं और कुछ कोचिंग संस्थानों के संचालन में उनकी प्रत्यक्ष या परोक्ष भूमिका भी होती है. उन्होंने सभी जिलाधिकारियों आदेश दिया है कि वह बिहार कोचिंग इंस्टीट्यूट कानून 2020 का सख्ती से पालन करें. छात्र और छात्राएं स्कूल में 75% अटेंडेंस दर्ज कर सकें वरना उन्हें बिहार बोर्ड की परीक्षा में बैठने नहीं दिया जाएगा जैसा कि पहले से ही बिहार विद्यालय परीक्षा समिति का नियम है.
बता दें कि बिहार में शिक्षा विभाग की कमान संभालने के बाद केके पाठक ताबड़तोड़ कड़े फैसले ले रहे हैं जिसमें 1 जुलाई से सभी सरकारी शिक्षकों को स्कूल पहुंचकर ऑनलाइन अटेंडेंस बनाना अनिवार्य कर दिया गया है. साथ ही वे लगातार बिहार में कई स्कूलों का औचक निरीक्षण भी कर रहे हैं और सभी जिला अधिकारियों को निर्देश जारी किया है कि वह सप्ताह में एक या दो दिन स्कूलों का औचक निरीक्षण करें.