नई दिल्ली
देश में रियल एस्टेट सेक्टर (Real Estate Sector) तेजी से ग्रोथ कर रहा है, लेकिन इस बीच अपनी गाढ़ी कमाई लगाकर सपनों का आशियाना खरीदने वाले लोगों के साथ धोखाधड़ी के मामले भी खूब आ रहे हैं. ताजा मामला कोलकाता से जुड़ा हुआ है, जहां 7 सेंस इंटरनेशनल (7 Sense International) नामक रियल एस्टेट कंपनी ने अपार्टमेंट बेचने के नाम पर कथित तौर पर बड़ा घपला किया है. करोड़ों के इस घोटले के सामने आने के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) जांच में जुट गया है. धोखाधड़ी का ये मामला इस लिए भी खास है क्योंकि पैसे लेकर अपार्टमेंट न देने वाली इस कंपनी से बांग्ला फिल्म स्टार और टीएमसी सांसद नुसरत जहां (TMC MP Nusrat Jahan) का कनेक्शन भी सामने आ रहा है.
बीजेपी नेता ने ईडी में दर्ज कराई शिकायत
कोलकाता बेस्ड 7 Sense International कंपनी प्रवर्तन निदेशालय की जांच के दायरे में है. हालांकि, अभी तक जिन लोगों से पैसा लेकर अपार्टमेंट देने का वादा रियल एस्टेट फर्म की ओर से किया गया था, उनमें से किसी बायर को अपना पैसा तक वापस नहीं मिला है. इस मामले में तृणमूल कांग्रेस सांसद नुसरत जहां का कनेक्शन एक शिकायत में सामने आया है. दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को इस कथित धोखाधड़ी के मामले में अभिनेत्री से नेता बनीं और TMC की लोकसभा सदस्य नुसरत जहां के खिलाफ शिकायत मिली है. बीते सोमवार को ED Office में ये शिकायत बीजेपी नेता शंकुदेब पांडा (Shankudeb Panda) ने व्यक्तिगत तौर पर दर्ज कराई है.
429 लोगों के साथ की गई धोखाधड़ी
प्रवर्तन निदेशालय में दर्ज कराई गई अपनी शिकायत में शंकुदेब पांडा ने बताया है कि टीएमसी सांसद नुसरत जहां रियल एस्टेट कंपनी 7 Sense International के डायरेक्टर्स में से एक हैं और उन्हें अलीपुर कोर्ट से एक समन भी मिल चुका है. पांडा ने दावा करते हुए कहा है कि इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank) के लगभग 429 कर्मचारियों को कोलकाता के बाहरी इलाके में अपार्टमेंट देने के बदले में धोखा दिया गया. घर देने के वादे के साथ कंपनी ने ग्राहकों से डाउन पेमेंट के तौर पर मोटी रकम भी ली थी.
2014 में बायर्स ने किया था डाउन पेमेंट
आजतक के सहयोगी चैनल India Today से साथ बातचीत के दौरान बीजेपी नेता शंकुदेब पांडा ने कहा है कि यह एक बहुत बड़ा घोटाला है. टीएमसी सांसद नुसरत जहां उस कंपनी से जुड़ी हुई हैं, जिसने लोगों से 5.50 लाख रुपये लिए थे, जिसकी शुरुआत नौ साल पहले साल 2014 में हुई थी, लेकिन बायर्स से पैसे लेने के बाद अब तक किसी को कोई फ्लैट नहीं दिया गया है. उन्होंने ये भी कहा कि इस मामले में स्थानीय पुलिस भी शिकायत दर्ज नहीं कर रही थी, तब आखिरकार धोखा खाए लोगों को कोर्ट का रुख करना पड़ा और ये मामला सुर्खियों में आया.
शंकुदेब पांडा का नुसरत जहां पर बड़ा आरोप
शंकुदेब पांडा ने इस बड़े रियल एस्टेट घोटाले को लेकर आगे कहा कि मैं ईडी के पास शिकायत दर्ज कराने के लिए मामले से संबंधित सभी दस्तावेज लेकर गया था. अगर ED भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं करता है, तो मैं उच्च न्यायालय (High Court) जाऊंगा. नुसरत जहां पर बड़ा आरोप लगाते हुए पांडा ने कहा कि टीएमसी सांसद इन लोगों के पैसे का इस्तेमाल अपने प्रोडक्शन हाउस में कर रही हैं.
ईडी कार्यालय में शिकायत दर्ज कराने के दौरान शंकुदेब पांड़ा के साथ ऐसे कुछ लोग भी थे, जिन्हें कथित तौर पर उस कंपनी द्वारा धोखा दिया गया था. गौरतलब है कि कोर्ट की ओर से जिन लोगों को समन जारी किया गया उनमें अभिनेत्री से सांसद बनीं नुसरत जहां के अलावा राकेश सिंह, राजू चक्रवर्ती, रूपलेखा मित्रा, बिष्णु दास, महुआ सिंह, बिनायक सेन, कौशिक दास शामिल हैं. इनके खिलाफ 420/406/34 के तहत मामला दर्ज किया गया था.
पीड़ितों ने बयां किया अपना दर्द
इंडिया टुडे की टीम ने 7 सेंस इंटरनेशनल कंपनी से धोखा खाए ऐसे लोगों में से भी बात की, जिन्होंने कथित तौर पर फ्लैट के लिए पैसे का भुगतान किया था, लेकिन उन्हें कभी वह मिला ही नहीं. श्रीधर लखोटिया नामक व्यक्ति ने अपना दर्द साझा करते हुए कहा कि इंडियन ओवरसीज बैंक के कुल 429 कर्मचारियों या पूर्व कर्मचारियों ने 2014 में उक्त कंपनी के साथ एक एग्रीमेंट किया था, हालांकि उन्हें कोई फ्लैट नहीं दिया गया. लखोटिया ने कहा कि हमने नौ साल पहले 5.50 लाख रुपये का पेमेंट किया था. हमें तीन किस्तों में फ्लैट का फुल पेमेंट करना था.
पीड़ित ने आगे बताया कि हमें राजारहाट के पास दरसकमुक्तपुर में जमीन का एक टुकड़ा दिखाया गया था और जल्द फ्लैट का वादा किया गया था लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ न पैसा मिला और न ही घर. लखोटिया के मुताबिक, जब कुछ नहीं हो रहा था, तो मैं कई लोगों के साथ कंज्यूमर कोर्ट में भी गया और वहां से अलीपुर कोर्ट का रुख किया. जब श्रीधर लखोटिया से पूछा गया कि वह सांसद नुसरत जहां से मिले या नहीं, तो उन्होंने कहा, 'नहीं, मैं उनसे नहीं मिला और न ही मैंने उन्हें भुगतान किया, लेकिन वह कंपनी के निदेशकों में से एक थीं. मुझे इसके बारे में बाद में पता चला. उन्हें अदालत में बुलाया भी गया था, लेकिन वे उपस्थित नहीं हुईं, उनका वकील वहां पहुंचा था.
श्रीधर लखोटिया ने कहा कि कई लोगों ने अपने लिए एक अपार्टमेंट खरीदने के लिए पैसे की व्यवस्था की थी और वह अपने पैसे वापस पाने की उम्मीद लगाए बैठे हैं. इस बीच नुसरत जहां (Nusrat Jahan) के एक करीबी सूत्र ने कहा है कि उनकी कानूनी टीम इस पूरे मामले पर गौर कर रही है और जल्द ही इस मामले पर प्रतिक्रिया देगी.