Home मध्यप्रदेश भारतीय संस्कृति का मूल आधार है सामाजिक समरसता : स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि

भारतीय संस्कृति का मूल आधार है सामाजिक समरसता : स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि

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समरसता यात्रा के स्वागत के लिये उज्जैन, बुरहानपुर, दतिया, छिन्दवाड़ा और सतना में उमड़ा जनसैलाब

भोपाल

संत रविदास के संदेश और जीवन मूल्यों के प्रति समाज में जागरूकता लाने के उद्देश्य से प्रदेश के विभिन्न स्थान से निकाली जा रही समरसता यात्राएँ 12 अगस्त को सागर पहुँचेंगी, जहाँ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंदिर निर्माण का शिलान्यास करेंगे। यात्राओं ने आठवें दिन 1 अगस्त कोउज्जैन, बुरहानपुर, ग्वालियर, छिन्दवाड़ा और सतना जिले में सद्भावना का संदेश दिया।

संत रविदास समरसता यात्राओं में प्रतिदिन जनसैलाब उमड़ रहा है। संत रविदास समरसता यात्रा रथ जहाँ-जहाँ से गुजर रहा है, वहाँ के लोग स्मारक निर्माण के लिये अपने क्षेत्र की मिट्टी और नदियों का जल देकर अभिभूत हो रहे हैं। सभी जगह विभिन्न समाज के लोगों द्वारा हर्षोल्लास के साथ समरसता यात्रा का भव्य स्वागत किया जा रहा है।

समरसता यात्रा के आठवें दिन आज उज्जैन जिले में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, बुरहानपुर में पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस एवं विधायक श्रीमती श्रीमती सुमित्रा कास्डेकर, ग्वालियर जिले में महामण्डलेश्वर अनुरूद्ध वन जी धूमेश्वर महाराज व संत रामदास त्यागी जी, छिंदवाड़ा जिले में गो-संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरा नंद गिरि जी और सतना जिले में जन-प्रतिनिधियों एवं नागरिकों ने भव्य स्वागत किया।

उज्जैन

रूट क्रमांक-1 की संत रविदास समरसता यात्रा ने 25 जुलाई को नीमच से प्रारंभ होकर 1 अगस्त को उज्जैन के विभिन्न स्थानों पर सदभावना का संदेश दिया। मंगलवार को मंगलनाथ रोड स्थित मौनतीर्थ आश्रम से संत शिरोमणि रविदास समरसता यात्रा का आगाज हुआ। मौनतीर्थ आश्रम से यात्रा होती हुई मंगलनाथ रोड खाकचोक पर संत रविदास आश्रम पर पहुँची। आश्रम में जनसंवाद हुआ जिसमें बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित रहे। रविदास जी के मंदिर के निर्माण के लिए महाकाल मंदिर के गादीपति के द्वारा कोटितीर्थ का जल भेंट किया गया। इसके साथ ही चंद्रकेसरी और चंद्रभागा नदी का जल भी भेंट किया गया।

यात्रा में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, मेला प्राधिकरण अध्यक्ष माखन सिंह, जनअभियान परिषद के उपाध्यक्ष विभाष उपाध्याय सहित अन्य जनप्रतिनिधियों एवं नागरिकों ने सहभागिता की।

बुरहानपुर

रूट क्रमांक-2 की संत रविदास समरसता यात्रा 25 जुलाई को धार जिले के मांडव से निकलकर 1 अगस्त को बुरहानपुर पहुँची। संत शिरोमणि रविदासजी मंदिर निर्माण समरसता यात्रा का जिले में जनप्रतिनिधियों, जनमानस ने आत्मीय स्वागत किया।

यात्रा में जगह-जगह पर फूलों की वर्षा करते हुए मिट्टी और जल भेंट किया गया। कई स्थानों पर नागरिकों ने संत रविदासजी की चरण पादुका का पूजन अर्चन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। जिले में समरसता यात्रा का शुभारंभ जनपद पंचायत बुरहानपुर के ग्राम दवाटिया के कमलखेड़ा से हुआ। जिसके बाद यह यात्रा ग्राम धुलकोट पहुँची। इस अवसर पर पूर्व मंत्री श्रीमति अर्चना चिटनीस ने संत शिरोमणि रविदासजी के चरण पादुका का पूजन-अर्चन किया। ग्रामों से मिट्टी एवं जल कलश भेंट किए गए। ग्राम असीर में नेपानगर विधायक श्रीमति सुमित्रा कास्डेकर ने समरसता यात्रा का स्वागत किया। ग्राम निम्बोला समरसता यात्रा में मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम मर्या. अध्यक्ष सावन सोनकर शामिल हुए।

संत शिरोमणि रविदास जी मंदिर निर्माण समरसता यात्रा में संस्कृति विभाग उज्जैन के कलापथक दल द्वारा संत रविदास जी के जीवन, आदर्शों एवं संदेश की मनमोहक, आकर्षक प्रस्तुति देकर क्षेत्रवासियों को अपनी ओर आकर्षित किया।

ग्वालियर

रूट क्रमांक 3 की संत रविदास समरसता यात्रा 25 जुलाई को श्योपुर जिले से निकली संत रविदास समरसता यात्रा ने 1 अगस्त को ग्वालियर में सद्भावना का संदेश दिया।

यात्रा ने विकासखंड भितरवार के ग्राम केरूआ से संत रविदास समरसता यात्रा ने ग्वालियर में प्रवेश किया बाँस शिल्प बोर्ड के अध्यक्ष घनश्याम पिरोनिया एवं हरिद्वार की साध्वी रंजना दीदी के नेतृत्व में आई समरसता यात्रा का ग्वालियर जिले की सीमा पर जनप्रतिनिधियों एवं नागरिकों ने स्वागत किया।

संत रविदास समरसता यात्रा का केरूआ व गोहिंदा सहित सम्पूर्ण भितरवार मार्ग की बस्तियों में ग्रामीणों ने आत्मीयता के साथ स्वागत किया। भितरवार के मंडी प्रांगण में समरसता यात्रा के तहत जन संवाद कार्यक्रम हुआ। जिसमें महामण्डलेश्वर अनुरूद्ध वन जी धूमेश्वर महाराज व संत रामदास त्यागी जी भी शामिल हुए। भितरवार से संत रविदास समरसता यात्रा करियावटी, जतरथी, झाड़ोली, नॉन नदी, सालवई, बरौठा, सिरोही, चीनौर रोड़ तिराहा, शुगर गेट, कटारिया चौराहा, अग्रसेन चौराहा, थाना वाला तिराहा होते हुए डबरा पहुँची। मार्ग में जगह-जगह पर यात्रा का आत्मीय स्वागत हुआ। डबरा में पिछोर तिराहा पर इस दौरान जन संवाद कार्यक्रम हुआ।

छिंदवाड़ा

बालाघाट से 25 जुलाई को प्रारंभ हुई रूट क्रमांक 4 की समरसता यात्रा ने पिछले तीन दिनों से लगातार छिंदवाड़ा जिले के विभिन्न क्षेत्रों में भ्रमण कर जन-जन में समरसता का संदेश फैलाती हुई मंदिर निर्माण के लिए मार्ग के हर ग्राम हर शहर से मिट्टी और जल का संग्रहण करते हुए आगे बढ़ रही है। तीसरे दिन यात्रा लक्ष्मी स्मृति भवन पांढुर्णा से प्रारंभ हुई। इस अवसर पर यात्रा समन्वयक एवं मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष डॉ. जितेंद्र जमदार अन्य जन-प्रतिनिधियों, नागरिकों ने संत रविदास की पावन चरण पादुकाओं का पूजन किया। जिसके बाद यह यात्रा पांढुर्णा विकासखंड के ग्राम चिचखेडा, गोरलीखापा, सिराठा, नांदनवाडी, चागोंबा, पाठई से होती कौडिया पहुंचीं। यहां से यात्रा ग्राम मेनिखापा, लावाघोघरी, टेमनीखुर्द होती हुई परासिया विकासखंड के ग्राम ताल पिपरिया, मोरडोंगरी, हिंगलाज मंदिर, खजरी अंतु , सेतपरास, उमरेठ, शीलादेही, मोआरी, अंबाड़ा, नजरपुर होते हुए जुन्नारदेव पहुँची।

इस दौरान यात्रा मार्ग में जगह जगह समरसता यात्रा का गाजे बाजे और पुष्प वर्षा के साथ आत्मीय और भावपूर्ण स्वागत किया गया।

पांढुर्णा, मोरडोंगरी और जुन्नार देव में वृहद जनसंवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। परासिया विकासखंड के ग्राम मोरडोंगरी में मध्यप्रदेश गौ-संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी जी महाराज के मुख्य आतिथ्य में आयोजित जनसंवाद में बड़ी संख्या में जन सैलाब उमड़ा।

सतना

सिंगरौली से 26 जुलाई को प्रारंभ हुई रूट क्रमांक 5 की संत रविदास समरसता यात्रा ने 1 अगस्त को यात्रा सतना जिले में दूसरे दिन उचेहरा विकासखण्ड के तिघरा, जिगनहट से प्रारंभ होकर मैहर तक सदभावना का संदेश दिया।

दो अगस्त की समरसता यात्रा का रूट

नीमच से प्रारंभ प्रथम रूट की समरसता यात्रा नौवें दिन दो अगस्त को आगर मालवा, द्वितीय रूट की धार से प्रारंभ यात्रा खण्डवा, तृतीय रूट की श्योपुर से प्रारंभ यात्रा ग्वालियर, चतुर्थ रूट की बालाघाट से प्रारंभ यात्रा नरसिंहपुर एवं पाँचवें रूट की सिंगरौली से प्रारंभ यात्रा कटनी में संत रविदास के संदेशों को जन-जन तक पहुँचायेगी।