Home विदेश किम जोंग ने ऑफिस में लगवाईं पुतिन की बड़ी-बड़ी तस्वीरें

किम जोंग ने ऑफिस में लगवाईं पुतिन की बड़ी-बड़ी तस्वीरें

2

प्योंगयांग

नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने एक सरकारी भवन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बड़ी-बड़ी तस्वीरें लगवाईं हैं। उत्तर कोरियाई राज्य मीडिया द्वारा साझा की गई तस्वीरों से पता चला है कि किम जोंग ने ऐसा रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू के आगमन से पहले करवाया है। दफ्तर की दीवारों पर कई जगह व्लादिमीर और किम जोंग उन की तस्वीरें दोनों की दोस्ती और नजदीकियों की कहानी बताती है।

सरकारी मीडिया द्वारा जारी तस्वीरों में किम जोंग उन को रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू के साथ देखा जा सकता है, जिन्होंने कोरियाई युद्ध की समाप्ति की 70वीं वर्षगांठ मनाने के लिए पिछले हफ्ते प्योंगयांग का दौरा किया था। उत्तर कोरिया में इस दिन को "विजय दिवस" के रूप में मनाया जाता है।

मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि विजय दिवस पर भले ही व्लादिमीर पुतिन सर्गेई शोइगू के साथ प्योंगयांग नहीं आए, लेकिन उन्होंने किम को एक पत्र भेजा था, जिसे कोरियाई सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) ने प्रकाशित किया था। इस चिट्ठी में, रूसी राष्ट्रपरति ने यूक्रेन युद्ध पर मास्को का समर्थन करने पर उत्तर कोरिया सरकार की सराहना की और कहा कि दोनों देशों की दोस्ती और एकजुटता प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर हमारे सामान्य हितों को उजागर करती रही है।

रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु के प्योंगयांग आगमन से पहले, रूस के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि उनकी यात्रा का उद्देश्य रूसी-उत्तर कोरियाई सैन्य संबंधों को मजबूत करना है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने बताया कि यात्रा के दौरान, किम जोंग उन ने रूसी रक्षा मंत्री को परमाणु-सक्षम मिसाइलें दिखाईं जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के तहत प्रतिबंधित हैं। इसके अलावा किम जोंग ने शोइगु को एक नया ड्रोन भी दिखाया।NK न्यूज ने बताया कि रक्षा प्रदर्शनी में उत्तर कोरिया की सबसे बड़ी परमाणु मिसाइलों जैसे ह्वासोंग-17 अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) और ह्वासोंग-18 ठोस-ईंधन ICBM को भी प्रदर्शित किया गया।

अमेरिका स्थित कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस में परमाणु नीति कार्यक्रम में वरिष्ठ फेलो, अंकित पांडा ने न्यूजवीक को बताया,"ऐसा प्रतीत होता है कि यूक्रेन युद्ध में रूस का समर्थन करने की वजह से उत्तर कोरिया को रूस ने एक रणनीतिक साझेदार के रूप में शामिल करने का रास्ता खोल दिया है।"