नई दिल्ली
सरकार ने कहा है कि शिक्षा के लिहाज से देश के पिछड़े जिलों को उन्नत बनाने के प्रयास किए जाएंगे और इस बारे में राज्य सरकारों से बातचीत की जाएगी।
लोकसभा में शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक पूरक प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि राज्यों के शिक्षा बोर्ड पूरी तरह से राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में है। उनका कहना था कि संघीय व्यवस्था में राज्यों का ही दायित्व है कि वे अपने प्रदेशों में शिक्षा को आगे बढ़ाएं लेकिन जिन राज्यों में शिक्षा की स्थिति ठीक नहीं होने की शिकायतें है उनसे बात कर केंद्र सरकार के मापदंड के अनुरूप वहां की शिक्षा के क्षेत्र के पिछड़ेपन को दूर करने का प्रयास किया जाएगा।
आकांक्षी जिलों के भी शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़े होने संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि राज्यों के आकांक्षी जिलों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे लाने को प्राथमिकता दी जाएगी।
एकलव्य स्कूल के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि यह काम केंद्र सरकार के जनजातीय मंत्रालय का है और यदि कोई समस्या इसको लेकर आती है तो उसका समाधान करवाने का पूरा प्रयास किया जाएगा।