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जवान के लिए मेंकॉज से दंतेश्वरी एयरपोर्ट तक पहली बार 11 किमी लंबा बनाया गया ग्रीन कॉरिडोर

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जगदलपुर

बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात जवानों को नक्सलियों के साथ-साथ मौसमी बीमारियों का भी सामना करना पड़ता है। बस्तर में जवानों को सबसे ज्यादा खतरा मलेरिया से होता है,नक्सली मोर्चे पर तैनात सीआरपीएफ 153 बटालियन का एक जवान मलेरिया की चपेट में आने से जवान की जिंदगी बचाने के लिए आज सोमवार सुबह मेंकॉज डिमरापाल अस्पताल से जगदलपुर दंतेश्वरी एयरपोर्ट तक पहली बार ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। ताकि जवान को बिना किसी परेशानी के दिल्ली एम्स तक पहुंचाया जा सके। ग्रीन कॉरिडोर के लिए जगदलपुर शहर से डिमरापाल अस्पताल तक जवानों की तैनाती की गई, इस दौरान डिमरापाल अस्पताल में सीआरपीएफ और पुलिस के अधिकारी मौजूद थे।

प्राप्त जानकारी के अनुसार बस्तर संभाग के बीजापुर जिले में सीआरपीएफ 153 बटालियन के जवान अनव को मलेरिया ने अपने चपेट में ले लिया, जिसके बाद जवान को बीजापुर जिले में प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर उपचार के लिए मेंकॉज डिमरापाल अस्पताल में 28 जुलाई को भर्ती कराया गया। यहां भी जवान की स्थिति को बिगड़ता देख उसे दिल्ली के एम्स में भर्ती कराने की तैयारी की गई, जिसे देखते हुए पहली बार बस्तर पुलिस ने मेकॉज डिमरापाल अस्पताल से लेकर जगदलपुर एयरपोर्ट तक 11 किमी लंबा ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। ऐसा पहली बार है जब किसी जवान के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया हो।

उल्लेखनिय है कि बस्तर में मलेरिया उन्मूलन का आखिरी चरण चल रहा है, आखिरी चरण में 03 लाख 46 हजार लोगों की घर-घर जाकर खून जांच की गई है। इनमें करीब 700 मलेरिया पॉजिटिव मरीज मिले हैं, लेकिन दरभा और किलेपाल में सबसे ज्यादा मलेरिया के मरीज अब भी हैं। इनमें सबसे अधिक 300 मरीज दरभा ब्लॉक के हैं। डॉक्टरों की माने तो दरभा क्षेत्र के क्लाइमेट के कारण मादा एनोफिलिस मच्छर सबसे ज्यादा पनप रहे हैं। वहीं स्वास्थय विभाग की टीम ग्रामीणों को मलेरिया से बचने के लिए जागरूक कर रही है।