शिलांग
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को कहा कि तीन मई को जातीय हिंसा भड़कने के बाद से मणिपुर में जो अमानवीय घटनाएं हुईं, वे 'दर्दनाक' हैं। उन्होंने लोगों से शांति का आह्वान करते हुए कहा कि केवल शांति ही राज्य और क्षेत्र में समृद्धि ला सकती है। मेघालय विधान सभा में आयोजित राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) भारत क्षेत्र सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा, हाल के दिनों में जो भी अमानवीय घटनाएं घटी हैं, उससे दुख हुआ है।
हम सभी उनसे आहत हैं। हम सभी को शांति की बहाली के लिए प्रयास करना चाहिए। किसी को पीड़ा न पहुंचाना हमारा नैतिक दायित्व है। हम मानवता के ष्टिकोण से शांति का आह्वान करते हैं। इस सम्मेलन में मेघालय के मुख्यमंत्री कानराड के संगमा, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, असम विधानसभा अध्यक्ष बिस्वजीत दैमारी, मेघालय विधानसभा अध्यक्ष थामस ए. संगमा और अरुणाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष पासंग डी. सोना, पूर्वोत्तर राज्यों के सांसद और मेघालय के विधायक शामिल हुए।
बिरला ने सम्मेलन के एजेंडे को प्रासंगिक बताया और कहा कि पूर्वोत्तर राज्य जैव विविधता से समृद्ध हैं और यहां होने वाला कोई भी पारिस्थितिक असंतुलन पूरे भारत की पर्यावरणीय स्थिति पर दूरगामी प्रभाव डाल सकता है। इसलिए ऐसे संवेदनशील इलाकों में आपदा प्रबंधन के लिए बेहतर तैयारी करने की जरूरत है।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने क्षेत्रीय महत्व के विभिन्न मुद्दों पर बातचीत जारी रखने की पहल करने के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र के पीठासीन अधिकारियों की सराहना की। चार दिवसीय सम्मेलन में पूर्वोत्तर क्षेत्र के विशेष संदर्भ में प्राकृतिक आपदाओं और प्रबंधन की रणनीतियों के मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।