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टैक्स की देनदारी नहीं तो भी फाइल करें ITR , जानिए क्या-क्या हैं इसके फायदे

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नई दिल्ली
इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) फाइल करने में अब कुछ ही घंटे बचे हैं। 31 जुलाई आयकर रिटर्न भरने की आखिरी तारीख (ITR Filing Last Date) है। इस बार आईटीआर (ITR) भरने की लास्ट डेट आगे बढ़ने की उम्मीद न के बराबर दिख रही है। हाल ही में रेवेन्यू सेक्रेटरी ने भी कहा था कि इस बार आईटीआर भरने की समयसीमा बढ़ने की कोई गुंजाइश नहीं है। ऐसे में आप जल्द से जल्द अपना रिटर्न फाइल कर दें। अगर आप पर कोई टैक्स देनदारी नहीं बन रही है, तो आपके लिए आईटीआर भरना अनिवार्य नहीं हैं। लेकिन फिर भी आप आईटीआर भरते हैं तो इसके कई फायदे हैं। आइए जानते हैं।

वित्त वर्ष 2022-23 (असेसमेंट ईयर 2022-23) में अगर आपकी सकल कुल आय बेसिक छूट लिमिट से कम है तो आपके लिए आईटीआर भरना अनिवार्य नहीं है। बेसिक छूट लिमिट इस पर निर्भर करती है कि आपने कौन-सा इनकम टैक्स रिजीम चुना है। अगर किसी ने वित्त वर्ष 2022-23 में ओल्ड टैक्स रिजीम चुना है, तो बेसिक छूट सीमा व्यक्ति की आयु पर भी निर्भर करेगी। अगर किसी ने न्यू टैक्स रिजीम चुना है, तो बेसिक छूट सीमा 3 लाख रुपये है।

ये लोग भर सकते हैं निल आईटीआर

निल आईटीआर (Nil ITR) वह आईटीआर है जिसमें करदाता पर कोई टैक्स देनदारी नहीं होती है। यानी आप पर कोई टैक्स नहीं बन रहा है, फिर भी आप आयकर रिटर्न भर रहे हैं, तो वह निल आईटीआर होगी। करदाता की शुद्ध कुल आय डिडक्शंस और एग्जंप्शंस का दावा करने के बाद भी बेसिक थ्रेसॉल्ड लिमिट से कम रहती है तो भी कोई टैक्स नहीं लगेगा। ऐसी स्थिति में भरी आईटीआर भी निल आईटीआर कहलाएगी।

आरएसएम इंडिया के फाउंडर डॉ. सुरेश सुराणा ने बताया, 'ऐसे मामले हो सकते हैं जहां धारा 87ए के तहत छूट का लाभ उठाने के बाद कुल टैक्स देनदारी जीरो हो जाती है। ऐसे मामलों में भी दाखिल रिटर्न को निल आईटीआर कहेंगे।' नांगिया एंडरसन इंडिया के पार्टनर नीरज अग्रवाल ने कहा, 'भले ही आप पर कोई टैक्स देनदारी नहीं बन रही हो, लेकिन फिर भी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना अच्छा होता है। इससे उस वित्त वर्ष के लिए आपकी इनकम ऑन रिकॉर्ड आ जाती है।' इसके अलावा आप कोई होम लोन लेते हैं, तो भी इस आईटीआर को दिखा सकते हैं।

स्कॉलरशिप
निल आईटीआर से आपको स्कॉलरशिप लेने में फायदा होगा। सुराणा ने बताया, 'कुछ स्कॉलरशिप मामलों में, इसके लिए आवेदन करने वाले स्टूडेंट्स को अपना इनकम टैक्स रिटर्न प्रूफ जमा करने की आवश्यकता हो सकती है।' उदाहरण के लिए, कुछ विशेष सरकारी स्कॉलरशिप हैं, जिनके अनुसार पूरे परिवार की आय एक निश्चित सीमा से कम होनी चाहिए।

लोन
लोन लेने में निल आईटीआर से फायदा हो सकता है। सुराणा ने बताया, 'आयकर रिटर्न भारत सरकार से इनकम प्रूफ के प्रमाणित दस्तावेज के रूप में कार्य करता है। इसके अलावा लोन देने वाले बैंकों और संस्थानों में आईटीआर जमा करने से लोन स्वीकृत करने की प्रक्रिया आसान हो सकती है।'

वीजा
सुराणा ने कहा, 'विदेश यात्रा के लिए वीजा अधिकारियों को आम तौर पर पिछले कुछ वर्षों के आयकर रिटर्न की आवश्यकता होती है।' ऐसा इसलिए है, क्योंकि जिस विदेशी देश में कोई यात्रा करना चाहता है, उसे वीजा देने से पहले अपने आय स्तर को सत्यापित करने की आवश्यकता होती है। इसलिए, वीजा आवेदन के समय आईटीआर, बैंक स्टेटमेंट और अन्य वित्तीय दस्तावेजों को जमा कराना आवश्यक होता है।