नई दिल्ली
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का चंद्रयान-3 मिशन इस समय चर्चा में है। इस मिशन का मकसद चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करना है, जिसे काफी मुश्किल माना जाता है। इसरो के इस मिशन पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हुई हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि एक बार चांद को न्यूक्लियर बम से उड़ाने का प्लान बना था। आखिर यह प्लान किसने बनाया था और इसका खुलासा कैसे हुआ, आइए इन सभी सवालों के जवाब जानते हैं…
चांद को न्यूक्लियर बम से कौन उड़ाना चाहता था?
चांद को न्यूक्लियर बम से उड़ाने का प्लान संयुक्त राज्य अमेरिका ने बनाया था। हालांकि, सेना के आपत्ति जताने पर इस प्लान को कैंसिल करना पड़ा था। सेना का मानना था कि अगर यह प्लान असफल रहा तो इसके पृथ्वी पर खतरनाक परिणाम होंगे।
कब बनाया गया प्लान?
दरअसल, यह पूरा प्लान 1950 में बनाया गया था। इसे बेहद गोपनीय रखा गया था। इस योजना को स्टडी ऑफ ल्यूनार रिसर्च फ्लाइट नाम दिया गया था। इसका कोड नाम प्रोजेक्ट ए119 था।
चांद को न्यूक्लियर बम से उड़ाने का मकसद वहां की मिट्टी, धूल के साथ मौजूद गैसों का परीक्षण किया जाना था।
इस योजना को लागू करने का जिम्मा एक युवा खगोलविद को दी गई थी। हालांकि, अमेरिकी सेना ने वैज्ञानिकों के इस मिशन को पूरी तरह खारिज कर दिया।
सेना ने कहा कि इसका गंभीर परिणाम होगा और मानव जीवन पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा, जिसके बाद इस मिशन को बंद करने का फैसला किया गया।
चांद को न्यूक्लियर बम से क्यों उड़ाना चाहता था अमेरिका?
चांद को न्यूक्लियर बम से अमेरिका इसलिए उड़ाना चाहता था, क्योंकि वह तत्कालीन सोवियत संघ (Soviet Union) को अपनी ताकत दिखाना चाहता था। वह रूस को दिखाना चाहता था कि वह अंतरिक्ष में क्या कर सकता है।