नईदिल्ली
आगामी विधानसभा चुनावों और 2024 के आम चुनाव से पहले पार्टी संगठन में बदलाव करते हुए, भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष, जेपी नड्डा ने शनिवार को राष्ट्रीय पदाधिकारियों के नामों की घोषणा की। तेलंगाना राज्य इकाई के पूर्व अध्यक्ष, बंदी संजय को उत्तर प्रदेश के विधायक राधा मोहन अग्रवाल के साथ राष्ट्रीय महासचिव के रूप में शामिल किया गया है। ये दोनों नेता डी पुरंदेश्वरी और सीटी रवि की जगह लेंगे जिन्हें हाल ही में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की राज्य इकाई के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है।
इन्हें मिली नई जिम्मेदारी
सरोज पांडे जिन्हें 2020 में राष्ट्रीय महासचिव के पद से हटा दिया गया था, उन्हें सौदान सिंह के साथ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। सौदान सिंह संयुक्त महासचिव (संगठन) भी थे। राष्ट्रीय उपाध्यक्षों की टीम में छत्तीसगढ़ से लता उसेंडी, यूपी से दोनों सांसद रेखा वर्मा और लक्ष्मीकांत बाजपेयी और यूपी से एमएलसी तारिक मंसूर को भी शामिल किया गया है। बीएल संतोष संगठन के राष्ट्रीय महासचिव और शिव प्रकाश संयुक्त महासचिव बने रहेंगे।
भाजपा की तेलंगाना इकाई के पूर्व अध्यक्ष बंदी संजय कुमार को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया गया है। इसके अलावा, राधामोहन अग्रवाल को भी महासचिव नियुक्त किया गया है। सीटी रवि और दिलीप सैकिया को जनरल सेक्रेटरी के पद से हटा दिया गया है। उनकी जगह पर बंदी संजय और राधा मोहन दास अग्रवाल को शामिल किया गया है। वहीं हरीश द्विवेदी, सुनील देवधर और विनोद सोनकर को भी सचिव पद से हटा दिया गया है। बीएल संतोष भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बने रहेंगे, जबकि शिव प्रकाश संयुक्त महासचिव बने रहेंगे।
चुनावों से पहले बदलाव
पार्टी में ये बदलाव ऐसे समय में किए गए हैं जब वह राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना सहित राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी कर रही है। राष्ट्रीय पदाधिकारियों की सूची में राजस्थान के तीन नेताओं का नाम शामिल है। इसमें राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का नाम शामिल है। राजे को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है। लिस्ट के मुताबिक, एमएलसी और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति तारिक मंसूर को भाजपा उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया। तारिक मंसूर एक पसमांदा मुस्लिम हैं।
शुक्रवार को, नड्डा ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिवों के साथ लगभग चार घंटे लंबी बैठक की अध्यक्षता की। इसी बैठक के बाद ये लिस्ट जारी की गई है। नई सूची में ज्यादातर पदाधिकारियों को उपाध्यक्ष, महासचिव और सचिव के पद पर बरकरार रखा गया है। सूची में 13 उपाध्यक्ष, नौ महासचिव, संगठन महामंत्री बी एल संतोष और 13 सचिव शामिल हैं। बिहार से लोकसभा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह को पार्टी उपाध्यक्ष के पद से हटा दिया गया है।
अनिल एंटनी को भी मिली जगह
कांग्रेस से आए अनिल एंटनी को भाजपा का राष्ट्रीय सचिव नियुक्त किया गया है। दिग्गज कांग्रेस नेता और पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी इस साल अप्रैल में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए थे। 2002 के गुजरात दंगों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर विवाद के बीच कांग्रेस पार्टी के खिलाफ अपनी आलोचनात्मक टिप्पणी के बाद अनिल ने जनवरी में कांग्रेस पार्टी छोड़ दी। अनिल एंटनी को असम से राज्यसभा सांसद कामाख्या प्रसाद तासा के साथ राष्ट्रीय सचिवों की सूची में शामिल किया गया है। असम के दिलीप सैकिया, जो राष्ट्रीय महासचिव थे, उनको हटा दिया गया है। सुनील देवधर को भी राष्ट्रीय सचिव पद से हटा दिया गया है।
भाजपा का पसमांदा मुसलमानों पर फोकस
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के पूर्व कुलपति तारिक मंसूर को उपाध्यक्ष बनाया गया है। वह वर्तमान में उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य (एमएलसी) हैं। उन्हें नयी टीम में शामिल करने के फैसले को पसमांदा मुसलमानों के लिए पार्टी की पहल का हिस्सा माना जा रहा है। मंसूर उन छह नामों में शामिल थे, जिन्हें उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने राज्य की विधान परिषद के सदस्यों के रूप में नामित करने के लिए राज्यपाल को भेजा था।
बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव, एनडीए बैठक, आउटरीच रणनीतियों और पांच राज्यों में चुनावी लड़ाई सहित महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई थी। बैठक के दौरान, नड्डा ने पार्टी के "महाजन संपर्क अभियान" की प्रगति की समीक्षा की और केंद्रीय मंत्रियों और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से उनके दौरों और आउटरीच प्रयासों के बारे में जानकारी मांगी। चर्चा में पांच राज्यों में आगामी चुनावों के लिए पार्टी का खाका और लोकसभा चुनावों के लिए अपनाई जाने वाली रणनीतियां भी शामिल थीं।