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सातिया न्यूट्रास्यूटिकल्स में 58 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेगी मैरिको

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नई दिल्ली
 रोजमर्रा के उपभोग का सामान बनाने वाली घरेलू कंपनी मैरिको ने सातिया न्यूट्रास्यूटिकल्स में 369.01 करोड़ रुपये में बहुलांश हिस्सेदारी का अधिग्रहण करने की घोषणा की है।

सातिया न्यूट्रास्यूटिकल्स के पास पौधे से बने पोषाहार बनाने वाले ब्रांड प्लिक्स का स्वामित्व है।

मैरिको ने  शेयर बाजारों को भेजी सूचना में बताया कि कंपनी ने सातिया न्यूट्रास्यूटिकल्स में 58 प्रतिशत की हिस्सेदारी खरीदने के लिए एक पक्के समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

मैरिको ने कहा कि यह अधिग्रहण उसकी महत्वपूर्ण रणनीतिक प्राथमिकताओं के अनुरूप है।

कंपनी ने बताया कि उसने पहले ही 26 जुलाई को सातिया न्यूट्रास्यूटिकल्स की 32.75 प्रतिशत चुकता शेयर पूंजी का अधिग्रहण पूरा कर लिया है। कंपनी शेष 25.25 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण एक या अधिक चरणों में मई 2025 तक करेगी।

रसायन, पेट्रोरसायन क्षेत्र के लिए पीएलआई योजना पर विचार करेगी सरकार : सीतारमण

नई दिल्ली
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकार रसायन और पेट्रोरसायन क्षेत्र के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना पर विचार करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार का इरादा भारत को इन उत्पादों का विनिर्माण केंद्र बनाने का है।

वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण के कड़े नियमों और श्रम की बढ़ती लागत के मद्देनजर रसायन उद्योग के वैश्विक विनिर्माता अपने उत्पादों और उत्पादन क्षमता में विविधता लाने पर विचार कर रहे हैं और भारत विनिर्माण के लिए एक वैकल्पिक गंतव्य के रूप में उभर रहा है।

उन्होंने 'भारत में वैश्विक रसायन और पेट्रोरसायन विनिर्माण केंद्र' विषय पर शिखर सम्मेलन के तीसरे संस्करण को संबोधित करते हुए यहां कहा कि इसके अलावा भारत एक बड़ा घरेलू बाजार भी प्रदान करता है। उन्होंने कहा, ''हम भारत को विनिर्माण केंद्र बनाना चाहते हैं। इसलिए हम रसायन और पेट्रोरसायन पर पीएलआई योजना लाने पर विचार करेंगे।''

सीतारमण ने इस बात पर जोर दिया कि जिस उद्योग में व्यापक संभावनाएं हैं, उसे स्थिरता, कार्बन उत्सर्जन, सामान्य प्रदूषण और भूजल प्रदूषण को ध्यान में रखकर विनिर्माण क्षमता का निर्माण करना चाहिए।

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘हमें याद रखना है कि भारत ने 2047 तक ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने और 2070 तक शून्य कॉर्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है। यह लक्ष्य तबतक हासिल नहीं हो सकता, जबतक कि सभी उद्योग और सभी क्षेत्र इसमें अपना योगदान नहीं दें।''

सीतारमण ने कहा, ‘‘हम हरित वृद्धि पर ध्यान दे रहे हैं। कार्बन गहनता को कम करने की जरूरत है। ऐसे में प्रत्येक क्षेत्र को इसमें योगदान देना होगा।''

उन्होंने कहा कि भारत की ऊर्जा दक्षता और नवीकरणीय ऊर्जा प्रतिबद्धताएं भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। भारतीय उद्योग जगत को शुद्ध शून्य उत्सर्जन और गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से 500 गीगावॉट की स्थापित बिजली क्षमता के लक्ष्य को ध्यान में रखना चाहिए।

उन्होंने उद्योग जगत से हाइड्रोजन मिशन पर भी ध्यान देने का आग्रह किया। सरकार ने उत्सर्जन में कटौती के लिए हरित हाइड्रोजन के विनिर्माण को प्रोत्साहन देने को 19,744 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है।

 

साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में पौधरोपण पर 168 करोड़ रुपये खर्च करेगी

नई दिल्ली
 सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में 26 लाख पौधे लगाने पर 168 करोड़ रुपये की राशि खर्च करेगी। जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है।

कोयला मंत्रालय ने कहा कि पौधरोपण कार्य के लिए खनन कंपनी ने हाल में छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम (सीजीआरवीवीएन) और मध्य प्रदेश राज्य वन विकास निगम (एमपीआरवीवीएन) के साथ दो अलग-अलग करार किए हैं। पौधरोपण 2023-24 से 2027-28 तक पांच साल की अवधि में किया जाएगा। एसईसीएल छत्तीसगढ़ में पौधे लगाने पर 131.52 करोड़ रुपये और मध्य प्रदेश में 38.11 करोड़ रुपये खर्च करेगी।