लखनऊ
लखनऊ केजीएमयू के क्वीन मेरी में दोबारा आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) की सुविधा शुरू होगी। यहां बांझपन से जुड़ी हर प्रकार की जांच और इलाज मिलेगा। अब निसंतान दंपतियों को निजी सेंटर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बल्कि यह सेंटर बहुत ही किफायती दरों पर उनकी सूनी गोद भरेगा। नोडल प्रभारी का दावा है कि एक माह के भीतर सेंटर शुरू हो जाएगा। कोरोना के चलते करीब तीन साल से इस सेंटर के बंद होने से निसंतान दंपत्तियों को सस्ती सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा था।
ओपीडी की 20 फीसदी महिलाएं बांझपन से पीड़ित
डॉ. अंजू अग्रवाल ने बताया कि क्वीन मेरी की ओपीडी में रोजाना 300 से अधिक महिलाएं आती है। इनमें से करीब 20 फीसदी महिलाएं बांझपन की होती हैं। इनमें या इनके पति में कुछ न कुछ समस्या होती है। जिसकी चलते यह मां नहीं बन पाती हैं। उन्होंने बताया कि आईवीएफ सेंटर में सभी प्रकार की जांच की सुविधा उपलबध है। जल्द ही आईवीएफ के इच्छुक दंपतियों के लिए पंजीकरण शुरू हो जाएगा।
महज 35 हजार रुपए लगेगा
आईवीएफ सेंटर की नोडल प्रभारी डॉ. अंजू अग्रवाल ने बताया कि इस सेंटर में आईवीएफ के नाम पर सिर्फ 35 हजार रुपये जमा कराए जाते हैं। बाकी की कुछ दवाएं दंपति को बाहर से खरीदनी पड़ती हैं। इसके अलावा अन्य कोई खर्च नहीं आता है। जबकि शहर में संचालित निजी सेंटर आईवीएफ के नाम पर दो से तीन लाख रूपये वसूल रहे हैं। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि सेंटर का कुछ जरूरी सामान की खरीद फरोख्त की जा रही है। उम्मीद है कि एक माह में इसे शुरू कर दिया जाएगा।