नोएडा
यमुना और हिंडन नदी के डूब क्षेत्र में जमीन बेचने वालों पर नोएडा प्राधिकरण, जिला प्रशासन और सिंचाई विभाग मिलकर कार्रवाई करेंगे। इसके लिए संयुक्त टीम डूब क्षेत्र में हुए अवैध निर्माण का सर्वे करेगी। इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। हिंडन में बाढ़ के कारण पुराना सुत्याना गांव में एक डंप यार्ड में खड़ी 350 से ज्यादा कार डूबने के बाद बुधवार को डीएम मनीष वर्मा और प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम ने गांव में जाकर निरीक्षण किया। यहां उन्होंने नक्शे के माध्यम से गांव और हिंडन के क्षेत्र की जानकारी ली। नक्शे के जरिए अधिकारियों ने काफी देर तक डूब क्षेत्र और गांव के क्षेत्रफल की पहचान की।
डीएम ने बताया कि एनजीटी ने डूब क्षेत्र में निर्माण पर रोक लगाई है। अब प्रशासन ने ऐसे घरों को चिह्नित करने की तैयारी की है जो नया अवैध निर्माण हुआ है। उनसे उन भूमाफिया के बारे में भी जानकारी लेंगे, जिन्हें उन्होंने जमीन बेची। उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। हिंडन के बाद सीईओ ने यमुना के डूब क्षेत्र में जाकर अतिक्रमण की स्थिति देखी। सेक्टर-135 नंगली वाजिदपुर क्षेत्र में भी काफी संख्या में अवैध निर्माण मिला। जलस्तर कम होते ही संभवत अगले सप्ताह से फार्म हाउस पर बड़ी कार्रवाई करनी शुरू कर दी जाएगी।
अधिकारी-कर्मचारियों की मिलीभगत से अतिक्रमण
यमुना हो या हिंडन, दोनों के डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण जिला प्रशासन, नोएडा प्राधिकरण और सिंचाई विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों की मिलीभगत से ही हुआ। वर्ष 2008-09 के आसपास से इन दोनों डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण की शुरुआत हुई थी। अब अधिकांश हिस्से में निर्माण हो चुका है।
भूखंड वार रिपोर्ट तैयार कराएंगे सीईओ
सीईओ ने बताया कि अवैध निर्माण को चिह्नित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को भूखंड वार रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इसको लेकर निबंधन विभाग के अधिकारियों की भी जिम्मेदारी तय करेंगे कि उन्होंने किस आधार पर रजिस्ट्री की। दो-तीन दिन में संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर कार्रवाई शुरू करेंगे।