रायपुर। दंतेवाड़ा हमले में इंटेलिजेंस फेल्योर की बात से सीएम भूपेश बघेल ने इनकार किया है। देर रात सीएम हाउस में पत्रकारों से बातचीत में सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि ये घटना दुखद है, लेकिन इसमें इंटेलिजेंस फेल्योर जैसी कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि विधायक भीमा मंडावी को मना किया गया था, बावजूद वो उस रास्ते से गये। उन्होंने कहा कि इस मामले में दंडाधिकारी जांच होगी। मुख्यमंत्री ने घटना पर दुख जताते हुए कहा कि बिना पूर्व सूचना के विधायक निकल गये थे, इसके बावजूद जब थाना प्रभारी को इसकी जानकारी लगी, तो उन्होंने इसे लेकर विधायक भीमा मंडावी को फोन कर उस रास्ते से जाने से मना किया। लेकिन विधायक नहीं माने। मुख्यमंत्री ने भाजपा के जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा में कटौती के लगे आरोपों को भी खारिज किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि भीमा मंडावी के साथ चुनाव प्रचार में 50 जवान तैनात थे। आज भी चुनाव प्रचार के दौरान उनके साथ 50 जवान चल रहे थे, उन्होंने खुद ही जवानों को जाने के लिए बोला था। और फिर बिना बताये ही बचेली की तरफ निकल गये थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस घटना का दुख उनसे ज्यादा कौन समझेगा, हमने खुद अपनी एक पीढ़ी को ऐसी नक्सल घटना में खो दिया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये घटना बेहद दुखद है। उन्होंने भीमा मंडावी सहित 4 जवानों को अपनी श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सलियों को लोकतंत्र में भरोसा नहीं है, नक्सली बौखलाहट में इस तरह की घटना को अंजाम दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों को फिर से दोहराया है कि गोली का जवाब उसी की भाषा में दिया जायेगा।