बिहार
बिहार के शिक्षा विभाग ने सभी जिलों से शिक्षक संगठनों के बारे में जानकारी मांगी है। राज्य के माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने इस संबंध में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र लिखा है। बताया जा रहा है कि एसीएस केके पाठक के निर्देश पर यह लिस्ट मांगी गई है। इस मुद्दे पर राजनीति गर्मा गई है। बीजेपी ने नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि राज्य में छात्र-छात्राओं की पढ़ाई को छोड़कर अब बदले की राजनीति हो रही है। बता दें कि नई भर्ती नियमावली के विरोध में हुए आंदोलन में शामिल शिक्षकों के खिलाफ भी विभाग ने लिस्ट बनाकर कार्रवाई की। ऐसे में चर्चा है कि अब नीतीश सरकार शिक्षक संगठनों पर कार्रवाई की तैयारी में जुट गई है।
माध्यमिक शिक्षा निदेशकर कन्हैया प्रसाद ने मंगलवार को सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर शिक्षक संगठनों के बारे में जानकारी देने के लिए कहा है। इसमें संगठन का नाम, पंजीयन संख्या, अध्यक्ष का नाम, सचिव का नाम, जिला अध्यक्ष का नाम, जिला सचिव का नाम आदि ईमेल के जरिए उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। जिला शिक्षा पदाधिकारियों को अपने जिले में सक्रिय सभी शिक्षक संगठनों की इस फॉर्मेट में लिस्ट बनाकर भेजनी होगी।
बीजेपी बोली- बदले की राजनीति हो रही
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता निखिल आनंद ने इस आदेश की कॉपी ट्वीट कर राज्य सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि बिहार का शिक्षा विभाग अब छात्रों-शिक्षकों के कल्याण और पढ़ने-पढ़ाने का काम छोड़कर बदले की राजनीति करने में लग गया है। जिला-प्रखंड के शिक्षा पदाधिकारी अब शिक्षक संगठनों के नेताओं एवं सदस्यों की सूची बनाने में लगे हैं। इससे साबित हो गया है कि सीएम नीतीश कुमार, जेपी के फर्जी चेले हैं।
इससे पहले राज्य शिक्षा विभाग की ओर से सभी जिलों से आंदोलन में शामिल शिक्षकों की लिस्ट मांगी गई थी। राज्यभर के नियोजित शिक्षक नई भर्ती नियमावली को वापस लेने की मांग करते हुए लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं। पटना में पिछले दिनों बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया गया था। विभाग की ओर से जिला एवं प्रखंड स्तर के पदाधिकारियों से आंदोलन में शामिल शिक्षकों के फोटो-वीडियो और नाम मांगे गए थे और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का आदेश दिया गया था।