नईदिल्ली
प्रवर्तन निदेशालय के डायरेक्टर संजय कुमार मिश्रा के सेवा विस्तार की मांग को लेकर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के माध्यम से बुधवार को अर्जी दाखिल की गई है, जिस पर अदालत ने गुरुवार को दोपहर 3:30 बजे सुनवाई पर सहमति जताई है। दरअसल केंद्र सरकार ने संजय कुमार मिश्रा को तीसरा सेवा विस्तार दिया था, जिसका कार्य़काल नवंबर में समाप्त हो रहा है। लेकिन इसे अवैध बताते हुए इसी महीने की 11 तारीख को उच्चतम न्यायालय ने आदेश दिया था कि वह 31 जुलाई तक पद छोड़ दें और दफ्तर खाली कर दें।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह उसके 2021 के फैसले का उल्लंघन है, जिसमें उसने तीसरी बार सेवा विस्तार को गलत बताया था। इसी आदेश को लेकर केंद्र सरकार ने अदालत का रुख किया है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच से कहा, 'मैं आपके सामने एक अर्जी दाखिल कर रहा हूं। एक प्रार्थना है कि इस पर शुक्रवार से पहले ही सुनवाई कर लीजिए।' दरअसल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक संजय कुमार मिश्रा का सोमवार को कार्यकाल खत्म हो रहा है।
सरकार चाहती है कि सोमवार तक ही फैसला हो जाए कि उन्हें सेवा विस्तार मिल सकता है या फिर नहीं। यदि उन्हें 31 जुलाई तक ऑफिस खाली करने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट वापस ले लेता है तो फिर वह नवंबर तक अपने पद पर रह सकेंगे। संजय कुमार मिश्रा को सरकार ने 2018 में पहली बार ईडी का चीफ बनाया था। नियुक्ति पत्र के हिसाब से दो साल बाद 60 की उम्र पूरी करने के बाद उन्हें हट जाना था। हालांकि नवंबर 2020 आने पर उन्हें एक साल का सेवा विस्तार दे दिया गया। इसके बाद फिर उन्हें सेवा विस्तार दिया गया, जिस पर कुछ लोग अदालत चले गए थे और उसने कहा कि उन्हें अगला सेवा विस्तार ना मिले।
हालांकि सरकार इस मामले से निपटने के लिए एक अध्यादेश ले आई और फिर संसद से बिल भी पारित करा लिए। इसके मुताबिक ईडी और सीबीआई के निदेशकों को 5 साल का कार्यकाल पूरा ना होने तक सेवा विस्तार मिल सकता है। इसके बाद एक और विस्तार संजय मिश्रा को मिल गया, जिसके खिलाफ अदालत में केस गया। इस पर कोर्ट ने कहा कि संजय मिश्रा को 31 जुलाई तक ऑफिस खाली करना होगा, तब तक के लिए सरकार कोई वैकल्पिक व्यवस्था कर ले।