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साइक्लोनिक सर्कुलेशन का प्रभाव, प्रदेश के 16 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

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भोपाल

मध्य प्रदेश में कई वेदर सिस्टम के साथ मानसून का प्रभाव देखने को मिल रहा है। पिछले 24 घंटे में एक दर्जन से ज्यादा जिलों में अच्छी बारिश हुई।आज बुधवार को  भी मौसम विभाग ने 16 जिलों भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है, वही भोपाल, जबलपुर, इंदौर, ग्वालियर और प्रदेश के बाकी जिलों में हल्की बारिश हो सकती है। इधर, आज बुधवार को बंगाल की खाड़ी में बनी मौसम प्रणाली के अवदाब के क्षेत्र में परिवर्तित होने की संभावना है। इसके आगे बढ़ने से मानसून की सक्रियता कुछ बढ़ सकती है।

एमपी मौसम विभाग के मुताबिक, वर्तमान में एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम एक्टिव है और मानसूनी ट्रफ लाइन गुजर रही है।   एक कम दबाव का साइक्लोनिक सर्कुेलेशन सिस्टम एक्टिव है, जो अगले 24 घंटे में यह और मजबूत होगा। इससे कुछ स्थानों पर तेज बारिश हो सकती है। आज  बुधवार को ग्वालियर में  करीब 100 मिली बारिश हो सकती है। इसके साथ ही अगले चार दिन बारिश रहेगी। जबलपुर सहित संभाग के जिलों में तीन दिनों बाद 29 जुलाई से मौसमी प्रणालियों की सक्रियता से वर्षा का दौर शुरू हो सकता है।

इन जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

  •     सीहोर, राजगढ़, बुरहानपुर, खरगोन, झाबुआ, रतलाम, उज्जैन, देवास, आगर-मालवा, मंदसौर, नीमच, गुना, भिंड, मुरैना, नरसिंहपुर और छिंदवाड़ा में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
  •     भोपाल, विदिशा, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, खंडवा, बड़वानी, अलीराजपुर, धार, इंदौर, शाजापुर, अशोकनगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, श्योपुर, सिंगरौली, सीधी, रीवा, सतना, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी।

वर्तमान में सक्रिय मौसम प्रणालियां

  •     वर्तमान में एक सुस्पष्ट कम दबाव का क्षेत्र उत्तरी आंध्र प्रदेश से उड़ीसा तट तक बना हुआ है।
  •     एक मानसून द्रोणिका जेसलमेर, अजमेर, गुना, जबलपुर, पेंड्रा रोड होते हुए उत्तरी आंध्र प्रदेश तक जा रही है।
  •     एक चक्रवाती घेरा उत्तरी पश्चिमी मप्र व पूर्वी राजस्थान से जुड़े इलाकों पर 3.1 किलोमीटर ऊंचाई तक बना हुआ है।इसके अतिरिक्त गुजरात के कच्छ में भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात मौजूद है।
  •     मानसून द्रोणिका वर्तमान में बंगाल की खाड़ी में उत्तरी आंध्रा तट एवं उससे लगे दक्षिणी ओडिशा पर अति कम दबाव का क्षेत्र बन गया है।
  •     उत्तर-पश्चिमी मध्य प्रदेश पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है।  इसके असर से भोपाल, इंदौर, जबलपुर, नर्मदापुरम, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल संभाग के जिलों में कहीं-कहीं छिटपुट वर्षा हो सकती है।

25 जुलाई तक कहां कितनी हुई बारिश

  •     प्रदेश में 1 जून से अब तक ओवरऑल 10% बारिश ज्यादा हुई है। पूर्वी हिस्से में 2 प्रतिशत कम बारिश हुई है, जबकि पश्चिमी हिस्से में 21% बारिश अधिक हुई है।
  •     सिवनी जिले में सबसे ज्यादा 27 इंच से अधिक बारिश हो चुकी है, जबकि सतना में 8% से भी कम बारिश दर्ज की गई है।
  •     नरसिंहपुर, इंदौर और सीहोर में 24 इंच से ज्यादा बारिश हुई।
  •     छिंदवाड़ा, मंडला, बैतूल, बुरहानपुर, हरदा, नर्मदापुरम, रायसेन में 20 इंच से ज्यादा बारिश हुई है।
  •     अनूपपुर, बालाघाट, डिंडोरी, जबलपुर, सागर, आगर-मालवा, देवास, नीमच, राजगढ़, शाजापुर, उज्जैन और विदिशा में  16 इंच से ज्यादा बारिश।
  •     सतना में अब तक 8 इंच से भी कम बारिश हुई है। रीवा, सिंगरौली, अशोकनगर, दतिया और ग्वालियर में 10 इंच से भी कम बारिश।