राजस्थान
राजस्थान में अपनी ही सरकार पर सवाल खड़े करने के बाद बर्खास्त हुए कैबिनेट मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने अब नार्को टेस्ट और DNA टेस्ट कराने की मांग कर दी है। सोमवार को दिनभर चले हंगामे के बाद मीडिया से बात करते हुए राजेंद्र गुढ़ा ने ये मांग रखी। झुंझुनूं के उदयपुरवाटी से बसपा के टिकट पर विधायक बने और फिर कांग्रेस में शामिल होकर कैबिनेट मंत्री बनने वाले राजेंद्र गुढ़ा ने गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को विधानसभा के अंदर और बाहर जमकर हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला।
नार्को-DNA टेस्ट की मांग
सोमवार को सदन से बाहर करने के बाद गुढ़ा ने गहलोत सरकार और उनके मंत्रियों को जमकर घेरा। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, "मैं मांग करता हूं कि कांग्रेस के मंत्रियों का नार्को टेस्ट और DNA टेस्ट कराया जाए, मेरा भी नार्को टेस्ट कराया जाए। टेस्ट में पता चल जाएगा।" दरअसल, हंगामा तब बढ़ा जब सोमवार को कांग्रेस विधायक राजेंद्र सिंह गुढ़ा विधानसभा पहुंचे, उन्होंने स्पीकर सीपी जोशी के सामने 'लाल डायरी' लहराने लगे तो इसके बाद स्पीकर ने उनको सदन से बाहर करवा दिया। जिसके बाद उन्होंने विधानसभा के अंदर घुसने की कोशिश की, जिस दौरान जमकर मार्शल और विधायक के बीच धक्का-मुक्की हुई।
मीडिया के सामने रो पड़े विधायक
इसी के साथ बर्खास्त मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा को मौजूदा सत्र से सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं सदन के बाहर मीडिया से बात करते हुए गुढ़ा रो पड़े। उन्होंने बताया कि कांग्रेसी मंत्रियों-विधायकों ने उनके साथ मारपीट की, धक्का दिया और घसीटकर बाहर निकाला है।
कैसे हुई विवाद की शुरुआत?
दरअसल, कांग्रेस नेता राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने महिलाओं पर अत्याचार को लेकर अपनी ही गहलोत सरकार को घेरा था। उन्होंने विधानसभा के अंदर कहा था कि यह सच है और इसे स्वीकार करना चाहिए कि हम महिला सुरक्षा में विफल रहे हैं। मणिपुर के बजाय हमें अपने अंदर झांकना चाहिए कि राजस्थान में महिलाओं पर अत्याचार बढ़े हैं।