हैदराबाद
पाकिस्तान के एक 51 वर्षीय नागरिक को तेलंगाना हाई कोर्ट ने राहत देते हुए हैदराबाद केंद्रीय कारागार से रिहा कर दिया। हाई कोर्ट ने धोखाधड़ी से भारतीय पासपोर्ट प्राप्त करने के मामले में हिरासत में लेने के लिए पुलिस को दी गई राज्य सरकार की अनुमति रद कर दी थी। जस्टिस के लक्ष्मण और जस्टिस पी श्री सुधा की पीठ के 13 जुलाई के आदेश के बाद शेख गुलजार खान उर्फ गुलजार मसीह को पिछले सप्ताह चेरलापल्ली केंद्रीय जेल से रिहा कर दिया गया।
पाकिस्तानी नागरिको को कोर्ट से मिली राहत
पीठ ने सरकारी आदेश को रद करते हुए अपने आदेश में कहा कि प्रतिवादी नंबर एक (तेलंगाना सरकार) द्वारा जारी सरकारी आदेश संख्या 599 अवैध है और रद करने योग्य है। हाई कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि हालांकि, यह आदेश चौथे प्रतिवादी (भारत सरकार) को बंदी को कानून के अनुसार उसके देश वापस भेजने की प्रक्रिया को पूरा करने से नहीं रोकेगा।
2011 में आया था भारत
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सियालकोट जिले के मूल निवासी गुलजार खान पर 2011 में जाली दस्तावेज बनाकर भारत में प्रवेश करने का आरोप लगाया गया था। पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार, गुलजार ने आंध्र प्रदेश की एक महिला से शादी की थी और वहां पेंटर का काम कर रहा था।
फर्जी दस्तावेज से हासिल किया था पासपोर्ट
पुलिस ने कहा था कि भारत में रहते हुए उसने अपनी मूल पहचान बताए बिना कथित तौर पर फर्जी दस्तावेजों के साथ आधार और मतदाता पहचानपत्र के अलावा भारतीय पासपोर्ट भी हासिल कर लिया था। 2019 में शहर पुलिस ने गुलजार खान के खिलाफ मामला दर्ज किया और उस पर आइपीसी, विदेशी अधिनियम और पासपोर्ट अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए और सिकंदराबाद से गिरफ्तार किया गया।