मणिपुर
मणिपुर की धरती से बुरी कहानियों का आना जारी है। अब एक घटना मई के अंत की ही, जहां बताया जा रहा है कि एक 80 वर्षीय महिला को उसके घर में ही जिंदा जला दिया गया। अब पीड़ित महिला के बेटे ने इस घटना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया है। राज्य में पहले ही दो महिलाओं को नग्न कर घुमाए जाने का वीडियो सामने आया था। खबर है कि इस मामले में अब तक 6 लोगों की गिरफ्तारी की गई है। रिपोर्ट के अनुसार, 28 मई को कांकचिंग जिले के सेरो गांव में 80 वर्षीय विधवा को जिंदा जला दिया गया था। उनके बेटे डॉक्टर एस इबोम्चा का कहना है उनकी मां उम्र के कारण भाग नहीं सकीं। उन्होंने कहा, 'उन्होंने पीछे रहकर हमें भागने के निर्देश दिए। जब हम वापस लौटे, तो हमें उनका जला हुआ शरीर मिला। हमलावरों ने उन्हें घर के अंदर बंद कर आग लगा दी थी।'
पीएम मोदी से सवाल
इबोम्चा मणिपुर पीपुल्स पार्टी के पूर्व उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। उन्होंने सवाल किया, 'मां को उनके ही घर में जिंदा जताए जाने पर हमारे प्रधानमंत्री क्या कहेंगे।' खबर है कि दादी को बचाने की कोशिश में इबोम्चा के भतीजे को भी गोली लग गई है। हालांकि, सुरक्षा बलों की कार्रवाई में सेरो बजार में एक उपद्रवी मारा गया है। उनका कहना है, 'क्या मणिपुर सरकार मैतेई लोगों को उनकी ही जमीन पर शरणार्थी की तरह रखने की योजना बना रही है? अगर मैतेई लोगों की उनकी ही जगह पर पर्याप्त सुरक्षा बल न देकर सुरक्षा नहीं कर सकते, तो सरकार क्यों है?'
पिता हैं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी
इबोम्चा के पिता सोरखईबम चूराचन मैतेई भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भी भूमिका निभा चुके हैं। सिलहट (अब बांग्लादेश) में जन्में सोरखईबम ने 1931 से 1932 के बीच नो टैक्स आंदोलन और 1942 में क्विट इंडिया मूवमेंट में भी सक्रिय भूमिका निभाई थी। साल 2004 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की ओर से उन्हें ताम्र पत्र भी दिया गया था।