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मणिपुर हिंसाः पुलिस कस्टडी में भीड़ ने युवक की कर दी हत्या, सीएम के खिलाफ लिखी थी फेसबुक पोस्ट

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इंफाल

मणिपुर में लगभग तीन महीने शुरू हुई हिंसा में भीड़ और उपद्रवियों के अमानवीय चेहरे दिखाई देते रहे हैं। महिलाओं को निर्वस्त्र करके परेड कराना हो या फिर शवों के साथ भी दरिंदगी, ये ऐसे वाकये हैं जो कि इंसानियत का सिर शर्म से झुका देते हैं। अब तक इंफाल में 70 से ज्यादा लोगों की हत्या हो चुकी है। इस जातीय हिंसा का पहला टारगेट चुराचांदपुर जिले का एक 21 साल का स्टूडेंट बना था। उसे मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह के खिलाफ पोस्ट शेयर करने के लिए गिरफ्तार किया गया था।

 रिपोर्ट के मुताबिक एफआईआर में लिखा गया है कि 21 साल के आरोपी को पुलिस कोर्ट से साजीवा जेल ले जा रही थी। तभी रास्ते में भीड़ ने रोक लिया। हथियारबंद भीड़ ने पुलिसवालों के भी हथियार छीन लिे और हांगलालामुआन वैपेई को मौत को मार डाला। पुलिसकर्मी खुद को बचाने के लिए इधर-उधर भाग गए। 4 मई को यह घटना हुई थी। इसके बाद दंगे और हत्या का केस दर्ज किया गया।

फेसबुक पोस्ट के लिए हुई थी एफआईआर
एफआईआर दर्ज होने के दो दिन बाद एसपी ने राष्ट्रीय मानवाधिकार को रिपोर्ट भेजी। इसके बाद एनएचआरसी ने राज्यसरकार को एक नोटिस जारी किया। दरअसल कुकी समुदाय के वैपेई के खिलाफ सीएम बिरेन सिंह के खिलाफ पोस्ट करने के मामले में 12 घंटे के अंदर ही एफआईआर लिखी गई थी। सीएम एक जिम का उद्घाटन करने वाले थे जिसे जला दिया गया।

इंफाल की सिविल सोसाइटी बॉडी कोकोमी के मुताबिक स्टूडेंट ने 24 घंटे के अंदर अपनी पोस्ट डिलीट भी कर दी थी। इसके बावजूद 30 अप्रैल को पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पोस्ट में वैपेई ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री की शह पर मैतेई लोग पहाड़ी जमीन पर कब्जा कर रहे हैं और आदिवासियों का हक मार रहे हैं। इस पोस्ट में मैतेई को भारत विरोधी बताया गया था और कहा गया था कि मणिपुर की समस्याओं की जड़ यही हैं।

जब वैपेई को कोर्ट से जेल ले जाया जा रहा था तो एसआई एल संजीव सिंह उनके साथ मौजूद थे। वह अपने निजी वाहन से थे और पुलिस की एक टीम सरकारी वाहन में साथ में थी। जब वे पॉपुलर हाई स्कूल के पास पहुंचे तो देखा कि कम से कम 800 लोगं की भीड़ चली आ रही है। पुलिस ने एसपी कंट्रोल रूम से संपर्कि किया। तब तक रास्ता बंद हो चुका था। लोगों ने बंदूक की नोक पर वैपेई को बाहर निकाला। भीड़ ने पीट-पीटकर उसे मार डाला।

पुलिस एफआईआर में यह भी कहा गया कि कई  पुलिस कर्मी भी घायल हो गए और वाहन को नुकसान पहुंचा। वैपेई को छोड़कर पुलिसवाले अपने अपने वाहन से भाग गए। इसके बाद वैपेई के परिवार को शव तक नहीं मिला। उनके परिवारवालों ने बताया कि वैपेई का शव इंफाल के अस्पताल में है लेकिन इंफाल जाने के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता।