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संपूर्ण हथियारों से लैस नौसेना का युद्धपोत आईएनएस ‘कृपाण’ वियतनाम को सौंपा गया

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नई दिल्ली
राष्ट्र के लिए 32 साल की शानदार सेवा पूरी करने के बाद, भारतीय नौसेना के जहाज 'कृपाण' को भारतीय नौसेना से सेवामुक्त कर दिया गया है। 'कृपाण' को वियतनाम के कैम रैन में वियतनाम पीपुल्स नेवी (वीपीएन) को सौंप दिया गया है। लगभग 12 अधिकारियों और 100 नाविकों द्वारा संचालित यह जहाज 90 मीटर लंबा और 10.45 मीटर चौड़ा है। इसकी अधिकतम मालवाहक क्षमता 1450 टन है।

जहाज को संपूर्ण हथियारों से लैस वियतनाम पीपुल्स नेवी को सौंप दिया गया है। आईएनएस कृपाण को सेवामुक्त करने और वीपीएन को सौंपने के समारोह की अध्यक्षता नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और वीपीएन के डिप्टी कमांडर-इन-चीफ और चीफ ऑफ स्टाफ रियर एडमिरल फाम मान्ह हंग ने की।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, 1991 में भारतीय सेना में कमीशन होने के बाद से ही आइएनएस कृपाण, भारतीय नौसेना के पूर्वी बेड़े का एक अभिन्न अंग रहा है और पिछले 32 वर्षों में इसने कई ऑपरेशनों में भाग लिया है।

इस अवसर पर एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा, “भारतीय नौसेना के सबसे बेहतरीन और सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले युद्धपोतों में से एक कृपाण को सम्मानित वियतनाम पीपुल्स नेवी को सौंपने के समारोह का हिस्सा बनना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है। भारतीय नौसेना की ओर से, यहां उपस्थित सभी विशिष्ट अतिथियों का गर्मजोशी से स्वागत करना मेरे लिए गौरव की बात है। वियतनाम पीपुल्स नेवी को कृपाण का हस्तांतरण भारत के वसुधैव कुटुंबकम "एक पृथ्वी, एक परिवार", एक भविष्य के जी20 नीति के अनुरूप है”।

भारतीय नौसेना से वियतनाम पीपुल्स नेवी को आईएनएस कृपाण का स्थानांतरण हिंद महासागर क्षेत्र में भारतीय नौसेना की 'पसंदीदा सुरक्षा भागीदार' होने का प्रतीक है और यह निश्चित रूप से दोनों नौसेनाओं के बीच मौजूदा द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए उत्प्रेरक का काम करेगा।

नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि जहाज को सौंपने का समारोह भारत और वियतनाम के बीच गहरी दोस्ती और सामरिक साझेदारी का प्रतीक है। यह पहला अवसर है जब भारत किसी मित्र विदेशी देश को पूर्ण-परिचालित युद्धपोत उपहार स्वरूप सौंप रहा है। यह बात इस अवसर को और भी महत्वपूर्ण बनाती है।