इस्लामाबाद
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इतना खस्ताहाल हो गई है कि अब उसकी मुख्य एयरलाइन पाकिस्तान इंटरनेशल एयरलाइन्स भी ठप पड़ने वाली है। एयरलाइंस को अब और संचालन करने के लिए राष्ट्रीय कोष से धन की जरूरत है और यह कोष तो पहले ही खाली हो चुका है। ऐसे में अब उसके पास एक दिन के संचालन भर का भी बजट नहीं बचा है। एयरलाइन्स 600 अरब पाकिस्तानी रुपये के घाटे में चल रही है। पाकिस्तानी सरकार ने अब इसके रीस्ट्रक्चरिंग के लिए एक्सपर्ट्स को बुला रही है।
एक शीर्ष अधिकारी के हवाले से न्यूज इंटरनेशनल ने बताया कि पीआईए अब सऊदी अरब को 5 करोड़ डॉलर का नेविगेशन चार्ज भी नहीं दे पा रही है। सऊदी अरब एक बार पीआईए की फ्लाइट्स पर बैन भी लगा चुका है। जिस भी दिन पाकिस्तानी सरकार एयरलाइन में पैसे लगाना बंद कर देगी, उसी दिन एयरलाईन पूरी तरह बंद हो जाएगी।
पाकिस्तान के अधिकारियों का कहना है कि इस तरह से घाटे में कब तक पीआईए का संचालन किया जा सकता है। इसलिए समय सीमा के भीतर ही फैसला किया जाना चाहिए और इसका निजीकरण कर देना चाहिए। रिपोर्ट में कहा गया कि हाल ही में पीआईए ने अपने बेड़े में एक बोइंग 777 विमान शामिल किया है। इसके साथ ही विमानों की कुल संख्या 11 हो गई है। हालांकि एयरलाइन्स की हालत इतनी खराब है कि अब इसे तीन या चार कंपनियों में बांट देने के अलावा कोई चारा नहीं है।
आईएमएफ से भी नहीं बन रही है बात
पाकिस्तान की आईएमएफ से भी बेलआउट पैकेज को लेकर बात नहीं बन रही है। आईएमएफ ने कृषि और निर्माण क्षेत्र में टैक्स के दायरे में लाने को कहा था लेकिन पाकिस्तानी मंत्री इशाक डार ने इनकार कर दिया। मंत्री ने शनिवार को कहा कि अब और ज्यादा टैक्स नहीं बढ़ाया जाएगा। वहीं पाकिस्तान की संसद में 2016 में बने कानून के मुताबिक पीआईए का निजीकरण भी नहीं किया जा सकता। विश्व बैंक ने भी अपने विश्लेषण में यही है कि अगर पाकिस्तान को अपने खर्च और राजस्व में बैलेंस बनाना है तो कृषि और निर्माण क्षेत्र में टैक्स बढ़ाना होगा।