रायपुर
भूपेश बघेल सरकार द्वारा 3000 हेक्टेयर में फैली छत्तीसगढ़ की दो सोने की खदान और एक हीरे की खदान की नीलामी के लिए 06 जुलाई 2023 को जारी किये गए टेंडर का जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने कड़ा विरोध किया है। जेसीसीजे अध्यक्ष अमित जोगी ने इस विषय पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पूर्व में अविभाजित मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह ने भी हमारे प्रदेश की धन संपदा को बाहरी हाथों में देने का फैसला लिया था जिसका उस समय स्व. अजीत जोगी ने कांग्रेस पार्टी में रहते हुए भी पुरजोर विरोध किया था। छत्तीसगढ़ के पृथक राज्य बनने के बाद वर्ष 2001 में छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में स्व. अजीत जोगी ने इस पूरे करार को रद्द कर दिया था।
अमित जोगी ने कहा कि पिछले 4.5 वर्षों में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी सरकार ने छत्तीसगढ़ को लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। अब अपने कार्यकाल के अंतिम 3 महीनों में यह सरकार छत्तीसगढ़ का हीरा और सोना भी लूट कर ले जाना चाहती है। जेसीसीजे राज्य सरकार के ये मंसूबे कभी पूरे नहीं होने देगी। अमित जोगी ने कहा कि यदि सरकार को प्रदेश में हीरे और सोने का खनन करना ही है तो यह कार्य सार्वजनिक क्षेत्र के किसी उपक्रम द्वारा छत्तीसगढ़ के लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए किये जाना चाहिए न कि किसी निजी क्षेत्र की कंपनी द्वारा। जोगी ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार को छत्तीसगढ़ की धरती का दोहन करने का लाइसेंस देने वाले इस टेंडर को तत्काल रद्द करना होगा अन्यथा जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) हमारे प्रदेश की अस्मिता को बचाने के लिए सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन करने को विवश होगी जिसकी पूरी जवाबदारी राज्य सरकार की होगी। जेसीसीजे किसी भी कीमत पर छत्तीसगढ़ का हीरा और सोना बाहरी व्यक्तियों को छत्तीसगढ़ से बाहर नहीं ले जाने देगी।