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मणिपुर में दरिंदगी मामले में एक और गिरफ्तारी, आगजनी की प्रयास

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 आइजोल

मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र कर उन्हें सड़क पर घुमाने की घटना के बाद से वहां हालात और तनावपूर्ण हो गए हैं. इस घटना को लेकर शनिवार को महिलाओं ने इंफाल के गारी इलाके में जोरदार प्रदर्शन किया. उन्होंने टायर जलाकर आगजनी की कोशिश. इस दौरान उनकी पुलिस से झड़प हुई. फिलहाल हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस ने प्रदर्शकारियों को खदेड़ दिया है. इलाके में पुलिस और आर्मी मार्च कर रही है. एक दिन पहले भी इस घटना के विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए थे.  इतना ही नहीं गुस्साई भीड़ ने शुक्रवार को एक आरोपी का घर भी जला दिया था.

वहीं महिलाओं से दरिंदगी करने वाले एक और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस अब तक 5 लोगों को पकड़ चुकी है. जानकारी के मुताबिक महिलाओं से दरिंगदी का वीडियो 19 जुलाई को सामने आया था. इसके 24 घंटे के भीतर पुलिस ने आरोपियों हुइरेम हेरादास, अरुण सिंह, जीवन इलांगबाम और तोम्बा सिंह को गिरफ्तार कर लिया था. सभी थॉउबल जिले के ही रहने वाले हैं. अब पुलिस ने शनिवार को पांचवें आरोपी नोंगपोक सेकमाई अवांग लीकाई के रहने वाले युमलेम्बम नुंगसिथोई मेटेई (19 वर्ष) को अरेस्ट कर लिया है.

मणिपुर पुलिस के मुताबिक, वायरल वीडियो की मदद से बाकी आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया गया है. मणिपुर पुलिस और केंद्रीय बलों की 12 संयुक्त टीमें 12 और संदिग्धों को गिरफ्तार करने के लिए तलाशी अभियान चला रही हैं.

मैतेई लोगों को मिजोरम छोड़ने की धमकी

मिजोरम में भी महिलाओं से दरिंदगी की घटना को लेकर भारी आक्रोश है. इस बीच पूर्व उग्रवादियों के एक संगठन ने कहा कि इस घटना से मिजो युवाओं में बहुत आक्रोश है. ऐसे में बेहतर होगा कि मणिपुर से आए मैतेई लोग राज्य छोड़कर चले जाएं. वहीं इस मामले में अब तक 5 आरोपियों की गिफ्तारी हो चुकी है.

पीस एकॉर्ड एमएनएफ रिटर्नीज़ एसोसिएशन (पीएएमआरए) ने कहा, "मिजोरम में स्थिति तनावपूर्ण हो गई है. मणिपुर में उपद्रवियों द्वारा किए गए बर्बर और जघन्य कृत्यों के चलते मणिपुर के मैतेई लोगों का मिजोरम में रहना अब सुरक्षित नहीं है. संगठन ने अपील की कि वे सुरक्षा उपाय के तौर पर अपने गृह राज्य चले जाएं. मिजो युवाओं में गुस्सा है, जो मणिपुर में जो या कुकी जातीय लोगों के खिलाफ नृशंस कृत्य से बहुत दुखी हैं.

संगठन ने चेतावनी दी कि अगर मैतेई अपील की अनदेखी करते हैं और अपनी सुरक्षा के लिए जाने में विफल रहते हैं तो वे किसी भी स्थिति में जिम्मेदार होंगे. संगठन के महासचिव सी लालथेनलोवा ने कहा कि यह सुरक्षा के लिए एक सामान्य अपील थी. इसे आदेश या चेतावनी नहीं माना जाना चाहिए.
महिलाओं से दरिंदगी का क्या है मामला

कूकी महिलाओं से दरिंदगी के मामले में पुलिस ने 21 जून को FIR दर्ज की थी. जो शिकायत दर्ज की गई है, उसके मुताबिक 4 मई की दोपहर करीब 3 बजे 800-1000 लोग बी. फेनोम गांव में घुस आए थे. उन्होंने गांव में तोड़फोड़ करने, संपत्तियां लूटने के बाद घरों को आग लगा दी थी. इस दौरान पांच लोग खुद को बचाने के लिए जंगल में भाग गए थे. इनमें दो पुरुष और तीन महिलाएं शामिल थीं. उनमें  56 वर्षीय एक व्यक्ति, उसका 19 वर्षीय बेटा और 21 वर्षीय बेटी के अलावा 42 वर्षीय और 52 वर्षीय महिलाएं भी शामिल थीं. बाद में पुलिस ने उन्हें जंगल से रेस्क्यू कर लिया था.

पुलिस जब उन्हें अपने साथ लेकर आ रही थी, तभी नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन से दो किमी दूर टूबू के पास भीड़ ने उन्हें रोक लिया था और लोगों को अपने साथ खींच ले गए थे. इस दौरान भीड़ ने 56 वर्षीय एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी. इसके बाद तीनों महिलाओं के कपड़े उतरवा दिए थे. इसके बाद भीड़ में से ही कुछ लोगों ने 21 वर्षीय युवती का गैंगरेप कर दिया था.युवती के छोटे भाई ने जब इसका विरोध किया तो भीड़ ने उसकी भी हत्या कर दी थी. इस बीच एक महिला भाग निकली. हालांकि भीड़ ने बची दोनों महिलाओं को निर्वस्त्र की सड़क पर घुमाया और एक खेत में ले जाकर छोड़ दिया.
ढाई महीने में 150 से ज्यादा की मौत

मणिपुर में 3 मई को हिंसा की शुरुआत तक हुई, जब कुकी समुदाय ने पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' निकाला और मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल किए जाने की मांग का विरोध किया. इस हिंसा में अबतक 150 से अधिक लोगों की जान चली गई है. 4 मई को इन महिलाओं के साथ भीड़ ने हैवानियत कर दी थी. मणिपुर की आबादी में मैतेई समुदाय की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है. वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि कुकी और नागा आदिवासी की संख्या 40 प्रतिशत हैं और ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं.