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नियमों का पालन करते हुए हो पदनाम की प्रक्रिया : विश्वजीत सिंह सिसोदिया

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 भोपाल
 उच्च पदनाम की प्रक्रिया में नियम पालन नहीं होने के कारण शिक्षकों की नाराजगी सामने आई है। आरोप लगाया गया है कि जिस नियम प्रक्रिया का पालन करते हुए यह काम होना था। उससे जवाबदार अधिकारी भटक गये हैं। इस विसंगति को लेकिर शिक्षक संघ के बाद अब मप्र राज्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष विश्वजीत सिंह सिसौदिया ने शासन को पत्र लिखा है।

संगठन अध्यक्ष सिसौदिया का कहना है कि पहले सहायक संचालक स्तर से यह प्रक्रिया शुरू होना चाहिए। उसके बाद नीचे के संवर्गो को उच्च पदनाम मिलना चाहिए। ऐसा इसलिए होना था कि जब ऊपरी पद खाली हों तो निचले संवर्गों को वहां जाने का मौका मिले, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। इसी विसंगति को दूर करने के लिए विभाग की प्रमुख सचिव को पत्र लिखा गया है। उन्होंने कहा है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो पदनाम का कोई मतलब ही नहीं है। क्योंकि ऊपर के पद खाली ही नहीं दिखेंगे तो अनेक व्या यणता से लेकर शिक्षक उच्च पद से वंचित रह जाएंगे।  इस कारण पीएस सहित शिक्षामंत्री को समस्या से आगत कराया गया है। अगर उच्च स्तर से पहले पदनाम की प्रक्रिया प्रारंभ नहीं होती है तो मु यमंत्री से मुलाकात कर पूरी समस्या बताई जाएगी। सिसौदिया का कहना है कि शिक्षा विभाग में नियमों का कभी भी स ती से पालन नहीं हो पा रहा है।

मुख्यमंत्री की मंशा कर्मचारी हितैषी,  अधिकारी चला रहे षड्यंत्र

कर्मचारियों की चिंता जारी, विश्वजीत सिंह सहित कई कर्मचारी नेताओं ने लिखा शासन को पत्र

 भोपाल
विधानसभा चुनाव एक तरफ धीरे-धीरे नजदीक आ रहा है तो दूसरी ओर कर्मचारियों की भी अभी चिंताएं खत्म नहीं हुई है। मुख्यमंत्री द्वारा जो घोषणाएं की गई है उनका समय पर क्रियान्वयन करवाना भी बड़ी चुनौती है। कारण है कि अब गेंद अधिकारियों के पाले में है।
मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष विश्वजीत सिंह सिसोदिया का कहना है कि मुख्यमंत्री की मंशा कर्मचारी हितैषी है। यह सर्वविदित है, लेकिन अधिकारी कितनी षड्यंत्र की चालें चलते रहे। यह किसी से छिपा नहीं है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री द्वारा जो घोषणाएं की गई हैं सबसे पहले उनके आदेश जारी होना चाहिए।

अगर यही विलंब हुआ और आचार संहिता लग गई तो फिर कर्मचारियों को नुकसान उठाना पड़ेगा। सिसोदिया ने आरोप लगाया कि कर्मचारियों द्वारा अभी तक जितना आर्थिक नुकसान उठाया गया है उसके पीछे अफसरशाही की चाल रही है। अगर अधिकारियों में ईमानदारी का भाव होता तो निश्चित तौर पर कर्मचारी प्रगति के पथ पर अन्य राज्यों से आगे होते।

— होना चाहिए सभी मांगों के आदेश-सतीश शर्मा–
मध्य प्रदेश शिक्षक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष सतीश शर्मा कहते हैं कि अभी तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जितनी घोषणा होती है। उनके एकमुश्त आदेश जारी होना चाहिए। शर्मा कहते हैं कि अभी अनेक कर्मचारी संवर्गों की मांगे लंबित है। उनकी समस्याओं पर भी सरकार को विचार करके समाधान करना चाहिए। क्योंकि चुनाव की बेला नजदीक है। अगर आचार संहिता के पहले मांगों का निराकरण नहीं हुआ तो कर्मचारियों को फिर लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।