इस्लामाबाद
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को राजनयिक सूचना को उजागर करने के मामले में यदि दोषी पाया जाता है तो उन्हें बची हुई उम्र जेल में ही काटनी होगी। पाकिस्तान के कानून मंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला है और यदि इसे खतरे में डालने का आरोप साबित होता है तो इमरान खान को उम्रकैद हो सकती है। इमरान खान पर आरोप है कि पिछले साल मार्च में वॉशिंगटन में पाकिस्तान दूतावास द्वारा भेजी गई एक सूचना का इस्तेमाल उन्होंने एक आरोप लगाने के लिए किया था। उन्होंने कहा था कि अमेरिका की मदद से उन्हें सत्ता से बेदखल करने की साजिश रची गई है।
कानून मंत्री राणा सनाउल्लाह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस मामले में दो साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा का नियम है। इस बीच इमरान खान को एक बार फिर से गिरफ्तार किया जा सकता है। उन्हें पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी अरेस्ट कर सकती है। इमरान खान पर आरोप लग रहा है कि वे जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। इसलिए उन्हें अरेस्ट भी किया जा सकता है। इससे पहले बुधवार को इमरान के मुख्य सचिव रहे एक अफसर ने स्वीकार किया था कि राजनयिक सूचना का इस्तेमाल उन्होंने राजनीतिक फायदे के लिए किया है। शहबाज सरकार के मंत्री ने कहा कि इमरान खान से कई बार कहा जा चुका है कि वह जांच में सहयोग करें। यदि उनकी तरफ से मदद नहीं मिलती है तो फिर एजेंसी उनको अरेस्ट कर सकती है। उन्होंने कहा कि संघीय जांच एजेंसी ने इमरान खान को समन भेजा है। यदि वह पूछताछ में सहयोग नहीं करते हैं तो फिर अरेस्ट हो सकते हैं। जांच के बाद एजेंसी की सिफारिश के आधार पर ही कार्रवाई की जाएगी। इमरान खान पर इसके अलावा एक हत्या का केस भी चल रहा है। इस मामले में उन्हें 24 जुलाई को अदालत में पेशी का आदेश दिया गया है।
इमरान जेल गए तो चुनाव में शहबाज की बल्ले-बल्ले
इमरान खान यदि गिरफ्तार होते हैं और जेल जाना पड़ा तो फिर शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के लिए यह बड़ा फायदा होगा। दरअसल शहबाज शरीफ पीएम पद से इस्तीफा अगस्त में दे सकते हैं और फिर नेशनल असेंबली के चुनाव होंगे। यदि इमरान खान उस दौरान जेल में रहते हैं तो फिर शहबाज शरीफ सरकार की वापसी की संभावना बढ़ जाएगी। इमरान खान के जेल से बाहर रहने पर वह आक्रामक हो सकते हैं और अपने राजनीतिक कौशल से विरोधियों को मात दे सकते हैं।