नई दिल्ली
फिल्म सामग्री की पायरेसी से निपटने और सृजनात्मक उद्योग की सुरक्षा करने के उद्देश्य से गुरुवार को राज्यसभा में सिनेमैटोग्राफ संशोधन विधेयक, 2023 पेश किया गया। अधिकारियों ने बताया कि विधेयक में फिल्मों को वर्तमान 'यू', 'यूए' और 'ए' श्रेणी में वर्गीकृत करने के बजाय उम्र समूह के आधार पर वर्गीकृत करने का भी प्रविधान है।
अनुराग ठाकुर ने संसद में पेश किया विधेयक
मणिपुर के हालात पर चर्चा की मांग कर रहे विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने उच्च सदन में इस विधेयक को पेश किया। इससे पहले उन्होंने सिनेमैटोग्राफ संशोधन विधेयक, 2019 वापस लेने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया, जिसकी हंगामे के बीच सदन ने स्वीकृति प्रदान कर दी।
पायरेसी के कारण होता है उद्योग को भारी नुकसान
पेश किए गए नए विधेयक का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि फिल्म सामग्री को पायरेसी के कारण नुकसान न हो क्योंकि इस समस्या से उद्योग को भारी नुकसान होता है।
क्रांतिकारी सबित होगा यह कदम
पूर्व में अनुराग ठाकुर कह चुके हैं कि यह विधेयक भारतीय फिल्मों को बढ़ावा देने और स्थानीय सामग्री को वैश्विक बनाने में मदद करने की दिशा में क्रांतिकारी कदम साबित होगा। इस विधेयक के जरिये सिनेमैटोग्राफ अधिनियम, 1954 में संधोशन का प्रस्ताव है।