Home व्यापार GST फर्जीवाड़े की जड़ पर होगी चोट, फर्जी बिल, फर्जी चालान, नहीं...

GST फर्जीवाड़े की जड़ पर होगी चोट, फर्जी बिल, फर्जी चालान, नहीं होगा आसान

1

नई दिल्ली
 देश में स्थानीय स्तर पर फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन और Tax की चोरी पकड़ने के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। इसके तहत राज्यस्तर पर सभी जीएसटी अधिकारियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डाटा एनॉलिसिस तकनीकी से युक्त होंगे। इससे न केवल फर्जी कंपनियों का रजिस्ट्रेशन लगभग असंभव हो सकेगा, बल्कि फर्जी कंपनियों का पता चलते ही छापेमारी भी की जाएगी।

राजस्व सचिव संजय मलहोत्रा ने बताया है कि राज्यस्तर पर सभी जीएसटी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि अपने इलाके में कंपनियों पर नजर रखें और फर्जी कंपनियों का पता लगाएं। इसके लिए तमाम तकनीकी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। इसके अलावा अधिकारियों के पास मुखबिरों का नेटवर्क भी होता है। इन सभी की मदद से ऐसी फर्जी कारोबारियों की पहचान हो सकेगी जो न केवल जीएसटी चोरी करते हैं, बल्कि कारोबारी माहौल को भी खराब करते हैं।

फर्जी बिल नहीं बन पाएंगे
उन्होंने बताया है कि शुरुआती कुछ दिनों में सरकार की तरफ से दी गई रिटर्न दाखिल करने में छूट का फायदा उठाकर फर्जी कंपनियां पंजीकृत हो गई हैं। यही कंपनियां फर्जी बिल बनाकर जीएसटी चोरी करती हैं। अब ऐसी ही कंपनियों का सफाया करने में सरकार लगी हुई है। आने वाले दिनों में ऐसी कंपनियों का रजिस्ट्रेशन लगभग असंभव हो जाएगा। इसके साथ ही जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) पर फर्जी बिल बन ही न पाएं, इसके लिए भी तकनीकी को अपग्रेड करने का काम चल रहा है।

काले कारोबार का खुलासा हो सकेगा
राज्यों की तरफ से मिली रिपोर्ट के आधार पर जीएसटी विभाग की तरफ से कंपनियों पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही अगर उन कंपनियों के काले कारोबार से जुड़े तार दूसरे राज्यों में भी पाए गए तो उनका खुलासा करने में भी आसानी होगी। वहीं, अगर राज्यों की कार्रवाई में अगर कोई बड़ा ट्रेंड नजर आता है तो जीएसटी विभाग राष्ट्रीय स्तर पर भी फर्जी कंपनियों के खिलाफ छापेमारी का अभियान चलाएगा।

पांच हजार फर्जी रजिस्ट्रेशन रद्द
जीएसटी अधिकारियों ने देशभर में चलाए जा रहे अभियान के तहत अबतक 4,900 से अधिक फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन रद्द किए हैं। इसके अलावा अभियान में 17,000 ऐसी जीएसटी पहचान संख्या (जीएसटीआईएन) की पहचान की गई है, जो मौजूद नहीं हैं। अधिकारियों के अनुसार इन मामलों में 15,000 करोड़ रुपये से अधिक की जीएसटी चोरी का पता चला है। करीब 1,506 करोड़ रुपये का इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) ब्लॉक किया गया है और 87 करोड़ रुपये की कर वसूली हुई है।

ये कदम भी उठाए जा रहे

1. जीएसटी चोरी या फर्जी चालान बनाकर अधिक कर छूट का दावा (ITC) का दावा करने वालों के खिलाफ ईडी भी जांच कर सकेगा।
2. यदि किसी कंपनी या कारोबारी ने अधिक कर छूट दावे का दावा किया है तो इसकी वजह बतानी होगी।

3. जीएसटी रजिस्ट्रेशन करने वाली कंपनियों का भौतिक सत्यापन अनिवार्य कर दिया गया है। साथ ही संबंधित व्यक्ति के पैन से जुड़े बैंक खाते का ब्योरा देना होगा।
4. जीएसटी रिटर्न दाखिल होने के बाद अतिरिक्त सत्यापन भी किया जाएगा। इससे जीएसटी चोरी करने वालों पर शिकंजा कसा जाएगा।

5. फर्जी रजिस्ट्रेशन पर रोक लगाने के लिए जीएसटी नेटवर्क प्रत्येक आवेदक को आंकड़ा विश्लेषण और जोखिम मानदंडों के आधार पर जोखिम रेटिंग देगा।