उज्जैन
आज प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान मध्यप्रदेश के 54वें जिले की घोषणा नागदा प्रवास के दौरान कर सकते हैं। नागदा को जिला बनाने की घोषणा होने पर रतलाम की ताल और आलोट तहसील टूटेंगी वहोीं वर्तमान उज्जैन जिले की नागदा और खाचरौद तहसीलें शामिल हो जाएंगी। इन चार तहसीलों को मिलाकर नागदा जिला बन जाएगा।
नागदा को जिला बनाने की मांग वर्षो से हो रही है। कांग्रेस इस मुद्दे को लम्बे समय से जीवित रखे हुए है। आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री इस मुद्दे को भाजपा के खाते में डालकर बढ़त बनाना चाहते हैं। यही कारण है कि उन्होने नागदा को जिला बनाने का मन बना लिया है।
इसी के चलते पिछले दिनों कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम ओर एसपी सचिन शर्मा नागदा जिले के प्रवास पर रहे। उन्होने मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर तैयारियों का जायजा लिया वहीं अपने स्तर पर सारे फिडबेक एकत्रित करके भोपाल पहुंचाए। ताकि नागदा को जिला बनाने की घोषणा होते ही यहां पर सारी प्रशासनिक व्यवस्थाओं को तत्काल अंजाम दिया जा सके। इसके लिए परदे के पिछे तैयारियां भी पूरी कर ली गई है,ऐसा सूत्रों का दावा है।
भोपाल राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि नागदा को जिला बनाते ही बहुत सारे समीकरण भाजपा की झोली में आ जाएंगे। ऐसा होने से जहां नागदा-खाचरौद सीट कांग्रेस के पाले से भाजपा की झोली में आ जाएगी वहीं गुर्जर समाज को भी पार्टी स्तर पर साध लिया जाएगा।
इसका सीधा लाभ शाजापुर में मिलेगा,जहां वर्तमान में गुर्जर समाज से कांग्रेस के विधायक पैर जमाए हुए है। वहीं रतलाम से टूटने के बाद आलोट विधानसभा सीट पर भी भाजपा का पलड़ा भारी हो जाएगा। नागदा जिले में आलोट एवं ताल के मिलने से उज्जैन संसदीय सीट पर आगामी समय में प्रभाव गिरेगा।
आठवां जिला बनेगा नागदा
उज्जैन संभाग में अभी उज्जैन, देवास, शाजापुर, आगर मालवा, रतलाम, मंदसौर एवं नीचम जिले हैं। नागदा जिला बनने के बाद संभाग में कुल 8 जिले हो जाएंगे। इसीप्रकार उज्जैन जिले में उज्जैन शहर, उज्जैन ग्रामीण, कोठी महल, घट्टिया, तराना, महिदपुर, माकड़ोन, झारड़ा, बडऩगर,खाचरौद और नागदा है। इनमें से दो तहसीलें कम हो जाएंगी। वहीं रतलाम में रतलाम शहर,रतलाम ग्रामीण, जावरा, पिपलोदा, सैलाना, रावटी, बाजना, आलोट एवं ताल हैं।
2 टीयर ही रहेगा उज्जैन- अभी उज्जैन शहर 2 टीयर है। नागदा तहसील बड़े उद्योग के कारण अच्छा राजस्व देती है। रोजगार का भी बड़ा स्त्रोत है। इस तहसील के टूटने के बाद उज्जैन जिले में बड़े उद्योग एवं राजस्व की कोई तहसील नहीं रह जाएगी। महाकाल महालोक बनने के बाद उज्जैन में पर्यटन तो बढ़ा है लेकिन अन्य स्थितियों के चलते संभागीय मुख्यालय होने के बावजूद यह जिला 2 टीयर ही रह जाएगा।
जिले की घोषणा को लेकर सरकार पसोपेश में
नागदा को जिला बनाने की घोषणा कांग्रेस की सरकार में हो गई थी, लेकिन कमलनाथ सरकार इसे अमलीजामा नहीं बना पाई. अगर नागदा जिला बनता है तो लंबे समय से उठ रही लोगों की मांग पूरी हो जाएगी किंतु इस घोषणा से महिदपुर के लोग खुश नहीं होंगे. महिदपुर के निवासी महिदपुर को जिला बनाने की मांग उठा रहे हैं. यही वजह है कि शिवराज सरकार भी पशोपेश में है.
मध्य प्रदेश में हो चुके हैं 53 जिले
अभी तक मध्य प्रदेश में 52 जिले थे लेकिन मार्च 2023 में मऊगंज को जिला बनाने की घोषणा के बाद अब एमपी में 53 जिले शामिल हो गए हैं. यदि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक और जिले की घोषणा करते हैं तो यह संख्या 54 पर पहुंच जाएगी. जिला बनाने की घोषणा करने के साथ-साथ सरकार पर तमाम इंतजाम जुटाने के लिए काफी बोझ पड़ता है.