नई दिल्ली
बेंगलुरु में हुई विपक्षी एकता की दूसरी बैठक बातें धीरे-धीरे सामने निकलकर आ रही हैं। पहले नीतीश कुमार की नाराजगी की खबर सामने आई, जिसका कि उन्होंने बाद में खंडन किया। वहीं, अब यह बात सामने आई है कि लालू प्रसाद यादव ने पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के बाद हुई हिंसा को लेकर कांग्रेस के साथ जारी गतिरोध पर इस बैठक में ममता बनर्जी और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) का समर्थन किया। उन्होंने कांग्रेस की बंगाल यूनिट पर सवाल उठाए।
सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। लालू यादव ने इस बैठक में पूछा कि कांग्रेस पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई ने टीएमसी के खिलाफ क्यों बात की। किसी का नाम लिए बगैर लालू यादव ने कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के सामने यह मुद्दा उठाया। उन्होने पूछा कि 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए विपक्षी दलों को एकजुट करने के प्रयासों के बावजूद सबसे पुरानी पार्टी की बंगाल इकाई टीएमसी के साथ क्यों टकराव कर रही है।
सूत्रों ने बताया कि इसके बाद राजद सुप्रीमो ने सीपीआई (एम) महासचिव सीताराम येचुरी की ओर रुख किया और कहा कि वाम दलों के कुछ नेता भी टीएमसी के साथ झगड़ रहे हैं, जिससे विपक्षी एकता को नुकसान हो रहा है। आपको बता दें कि बंगाल कांग्रेस प्रमुख अधीर रंजन चौधरी ने पंचायत चुनाव में हिंसा को लेकर ममता बनर्जी को तानाशाह और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ताओं को गुंडा करार दिया था।
वहीं, सीपीआई (एम) के सीताराम येचुरी ने भी पश्चिम बंगाल में टीएमसी के साथ किसी भी गठबंधन से इनकार किया और कहा कि वाम और कांग्रेस के साथ धर्मनिरपेक्ष दल राज्य में भाजपा के साथ-साथ टीएमसी से भी मुकाबला करेंगे। बेंगलुरु बैठक से कुछ दिन पहले सीपीआई (एम) महासचिव ने कहा था, ''ममता और सीपीआई (एम) के बीच कोई बात नहीं होगी।''
ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा के लिए विपक्षी दलों को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा कि ''राम, शाम और बाम'' – भाजपा, कांग्रेस और सीपीएम – लोगों की जान के नुकसान के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने कांग्रेस और सीपीएम पर विरोधाभासी व्यवहार का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "आप मुझे यहां गाली देंगे और मैं वहां आपकी पूजा करूंगी। इसकी उम्मीद नहीं की जा सकती। मैं केवल तभी प्रतिक्रिया दूंगी जब मैं कुछ वास्तविक सहयोग देखूंगी।"