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मणिपुर में दरिंदगी का मुख्य आरोपी अरेस्ट, निर्वस्त्र कर सड़कों पर दौड़ाया था

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इंफाल

मणिपुर में दो महिलाओं निर्वस्त्र कर परेड कराए जाने के मामले के मुख्य आरोपी को अरेस्ट कर लिया गया है। इस घटना का वीडियो बुधवार से वायरल हो रहा है, जिस पर देश भर में हंगामा मचा है। यह मामला 4 मई का है, जिस पर अब तक पुलिस की ओर से ऐक्शन ना लिए जाने पर लोगों का गुस्सा फूटा है। इम्फाल से महज 35 किलोमीटर की दूरी पर नांगपोक थानाक्षेत्र की इस घटना को लेकर राज्य सरकार बुरी तरह घिरी हुई है। राज्य के ही थाउबल इलाके से घटना के मुख्य आरोपी को अरेस्ट किया गया है। वीडियो वायरल होने के बाद मणिपुर में एक बार फिर से तनाव बढ़ गया है, जो बीते ढाई महीने से जातीय संघर्ष की आग में जल रहा है।

हेरादास की उम्र 32 साल है. पुलिस ने उसकी पहचान वायरल हुए वीडियो से की है, जिसमें वह हरी टी-शर्ट पहने हुए दिखाई दे रहा है. मणिपुर पुलिस के मुताबिक, हेरादास ही इस मामले में मुख्य आरोपी है. वायरल हुए इस वीडियो के आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस की 12 टीमें लगाई गई हैं. उन्हें पकड़ने के लिए पुलिस की टीमें लगातार दबिश दे रही हैं.

मणिपुर में महिलाओं से हुई दरिंदगी का वायरल हुआ वीडियो चार मई का बताया जा रहा है. इसमें एक समुदाय की दो महिलाओं को दूसरे पक्ष के कुछ लोग निर्वस्त्र कर सड़कों पर घुमा रहे हैं. इस घटना के सामने आने के बाद इलाके में तनाव फैल गया है.  

ITLF के प्रदर्शन से एक दिन पहले वीडियो वायरल!

अधिकारियों ने बताया कि यह वीडियो इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) के प्रदर्शन से ठीक पहले वायरल किया गया है. दरअसल आज ITLF ने प्रदर्शन बुलाया है ताकि उस समुदाय की दुर्दशा को उजागर किया जा सके.

4 मई का है वायरल वीडियो

ITLF के एक प्रवक्ता ने बताया कि यह वीडियो कांगपोकपी जिले में 4 मई का है. इसमें महिलाओं को नग्न अवस्था में दर्शाया गया है. वीडियो में पुरुषों की भीड़ पीड़ित महिलाओं से लगातार छेड़छाड़ करते दिखाई दे रही है. वहीं पीड़ित महिलाएं बंधक बनी हुई हैं और लगातार मदद की गुहार लगा रही हैं. उन्होंने बताया कि अपराधियों ने इस वीडियो को बनाने के बाद वायरल भी कर दिया है. इससे इन निर्दोष महिलाओं द्वारा झेली गई भयावह यातना कई गुना बढ़ गई.

घटना के एक महीने बाद दर्ज हुआ केस

ITLF के मुताबिक, इस घटना को लेकर 21 जून को FIR दर्ज कराई गई थी. IPC की धारा के तहत धारा 153ए, 398, 427, 436, 448, 302, 354, 364, 326, 376, 34 और शस्त्र अधिनियम की धारा 25(1सी) के तहत मामला दर्ज किया गया है. वहीं बी.फेनोम गांव के 65 साल के प्रमुख थांगबोई वैफेई द्वारा सैकुल पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई शिकायत में आरोप लगाया गया है कि भीड़ ने तीसरी महिला के साथ सामूहिक बलात्कार किया था.   

4 मई की दोपहर की वारदात

शिकायत के अनुसार, मणिपुर में पहली बार हिंसा भड़कने के एक दिन बाद यानी 4 मई की दोपहर करीब 1 हजार लोग AK राइफल्स, SLR, इंसास और .303 राइफल्स जैसे हथियारों के साथ बी. फेनोम गांव में घुस गए थे. इस दौरान उन्होंने गांव में तोड़फोड़ की, संपत्तियां लूटीं और घरों को जला दिया. शिकायत के अनुसार, लोग जान बचाने के लिए भागने लगे. इस दौरान पांच लोग खुद को बचाने के लिए जंगल की ओर भाग गए. इनमें दो पुरुष और तीन महिलाएं शामिल थीं. उनमें  56 वर्षीय एक व्यक्ति, उसका 19 वर्षीय बेटा और 21 वर्षीय बेटी के अलावा 42 वर्षीय और 52 वर्षीय महिलाएं भी शामिल थीं.  

दो पुरुषों की कर दी थी हत्या

जंगल में भागे हुए इन लोगों को नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन की एक टीम ने रेस्क्यू किया. हालांकि, शिकायत में आरोप लगाया गया है कि भीड़ ने नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन से दो किलोमीटर दूर टूबू के पास से पुलिस टीम की कस्टडी से उन्हें छीन लिया. भीड़ ने 56 वर्षीय व्यक्ति की हत्या कर दी. इसके बाद तीनों महिलाओं को कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया गया. फिर 21 वर्षीय महिला का गैंगरेप किया गया. इस दौरान जब युवती के छोटे भाई ने उसे बचाने की कोशिश की तो भीड़ ने उसकी भी हत्या कर दी. इस दौरान एक महिला परिचित लोगों की मदद से मौके से भागने में सफल रही. वहीं गैंगरेप के बाद दोनों महिलाओं को सड़क पर घुमाया गया.