मॉस्को
नई सैटेलाइट तस्वीरों से इस बात की पुष्टि होती है कि वैगनर लड़ाकों का एक बड़ा काफिला रूस से बेलारूस के एक नए शिविर में पहुंच गया है। सैटेलाइट तस्वीरों के अध्ययन से पता चलता है कि बेलारूस की राजधानी मिन्स्क से करीब 64 मील यानी 103 किमी दूर दक्षिणी बेलारूस में एक पुराने सैन्य अड्डे त्सेल में दर्जनों गाड़ियां शिविर में दाखिल हो रहे हैं। जून के अंत में रूसी सेना के खिलाफ वैगनर के विद्रोह को खत्म करने के लिए हुए एक समझौते के बाद यह कैंप पहली बार नजर आया है। डील के तहत वैगनर सैनिकों के बेलारूस भेजे जाने पर रजामंदी जताई गई थी।
बंद हुआ रूस का ट्रेनिंग कैंप
नई फोटोग्राफ्ट से इस बात की पुष्टि होती है कि वैगनर ने अब बड़ी संख्या में अपने सैनिकों को कैंप में भेजना शुरू कर दिया है। बीबीसी की तरफ से बताया गया है कि पहले जो सैटेलाइट तस्वीरें आई थीं उनसे यह जानकारी मिलती है कि दो हफ्ते के अंदर त्सेल में करीब 00 टेंट लगाए गए थे। इस बीच, टेलीग्राम पर वैगनर से जुड़े चैनलों की तरफ से एक फुटेज जारी की गई है। इसमें दावा किया गया है कि समूह के झंडे क्रास्नोडार के दक्षिणी रूसी क्षेत्र में मोल्किनो में अपने मुख्य ट्रेनिंग सेंटर से उतारे जा रहे हैं। यह झंडे तब उतारे जाते हैं जब कोई मिलिट्री बेस बंद किया जाता है।
बेलारूस की मदद करेगा वैगनर!
मंगलवार को, बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने कहा है कि वैगनर इस समय देश के अंदर अपने कैंप्स में है। लुकाशेंको ने कहा कि अगर बेलारूस को उनकी जरूरत है तो हम तुरंत वैगनर निजी सैन्य कंपनी को देश की रक्षा के लिए बुलाएंगे। 17 जुलाई को मिली सैटेलाइट तस्वीर के मुताबिक गाड़ियों का काफिला बेलारूस के एम5 हाइवे से उतरकर शिविर की ओर जाता हुआ दिखाई देता है। उसी दिन एक और तस्वीर सामने आई है जिसमें एक और काफिला शिविर में आता हुआ दिख रहा है।
सोशल मीडिया पर आए वीडियो
उसके कुछ ही मिनटों बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो में रूस और वैगनर के झंडे वाली गाड़ियों की एक लंबी लाइन उसी राजमार्ग पर त्सेल की ओर बढ़ती हुई दिखाई दे रही थी। बीबीसी के मुताबिक यह फुटेज त्सेल से करीब 70 किमी दक्षिण-पूर्व में बब्रुइस्क शहर के ठीक बाहर एम5 के उत्तर की ओर जाने वाले कैरिजवे की है। वैगनर झंडे वाले वाहनों के लंबे काफिले को रूस के अंदर बेलारूस की ओर जाते हुए वीडियो में कैद किया गया है।