रतलाम
महाराष्ट्र के पुणे में पुलिस ने इमरान खान और मोहम्मद यूनुस साकी को गिरफ्तार किया है। ये दोनों मध्य प्रदेश के रतलाम के रहने वाले हैं जो जयपुर ब्लास्ट की साजिश रचने के मामले फरार चल रहे थे। दोनों पर 5-5 लाख रुपये का इनाम भी था, एनआई को लंबे समय से इनकी तलाश थी। हाल ही में एनआइए की टीम ने रतलाम में एक आतंकी की संपत्ति अटैच की थी। जयपुर को दहलाने की साजिश रचने के मामले में युनूस, इमरान और फिरोज पठान फरार थे, इनके खिलाफ पहले ही गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था।
बाइक चोरी करते हुए पकड़े गए
पुणे पुलिस के अनुसार कोथरूड इलाके में दोनों को बाइक चोरी करने की कोशिश करते हुए गिरफ्तार किया गया है। तलाशी में उनके पास से 4 मोबाइल, एक लैपटाप और एक जिंदा कारतूस भी बरामद किया गया है। पुलिस इस मामले में आगे की जांच कर रही है। आगे की कार्रवाई के लिए दोनों को एनआइए के हवाले किया जा सकता है।
पुणे पुलिस के मुताबिक, तीन आरोपी 18-19 जुलाई की दरमियानी रात 3 बजे बाइक चुराने की फिराक में थे। पेट्रोलिंग के दौरान पुलिस ने कोथरुड इलाके से दो आरोपियों को पकड़ लिया। इनका एक साथी भाग निकला। शुरूआती पूछताछ में शक होने पर आरोपियों को उनके घर ले जाकर तलाशी ली गई।
पुणे CP रितेश कुमार के मुताबिक, पूछताछ में सामने आया कि इमरान खान और मोहम्मद यूनुस साकी NIA के वांटेड हैं। इनके घर से एक लाइव राउंड, 4 मोबाइल, लैपटॉप बरामद हुए। आज दोनों को कोर्ट में पेश किया जाएगा। ATS और NIA को भी सूचित किया है।
पहले तीन साथी बम बनाने की सामग्री के साथ पकड़े गए थे
जयपुर ब्लास्ट के साजिशकर्ता देशद्रोही संगठन सूफा से जुड़े हुए हैं। 30 मार्च 2022 में राजस्थान के निंबाहेड़ा से संगठन के तीन सदस्य जुबेर, अल्तमश शेरानी और सैफुल्ला विस्फोटक और बम बनाने की सामग्री के साथ पकड़े गए थे। इनसे पूछताछ के बाद टोंक (राजस्थान) से फरहान और मुजीब को गिरफ्तार किया गया था। रतलाम पुलिस ने मास्टरमाइंड इमरान पिता शरीफ खान, आमीन फावड़ा और आमीन पिता अब्दुल समद को पकड़कर राजस्थान पुलिस को सौंपा था।
मामला आतंक और टेरर फंडिंग से जुड़े होने पर 10 महीने पहले भी NIA की टीम रतलाम आई थी। जांच एजेंसी ने जांच पूरी कर जयपुर की स्पेशल NIA कोर्ट में 11 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। इन पर सीरियल ब्लास्ट कर जयपुर को दहलाने की साजिश का आरोप है।
इनके खिलाफ दायर हुई है चार्जशीट
इमरान पिता मोहम्मद शरीफ
आमिर खान उर्फ आमीन फावड़ा
मोहम्मद आमीन पटेल
सैफुल्लाह खान पिता रमजानी अली
अल्तमश खान
जुबेर खान पिता फकीर मोहम्मद
मजहर खान पिता इसराइल खान
फिरोज खान पिता फकीर मोहम्मद
मोहम्मद यूनुस पिता याकूब याकी
इमरान खान उर्फ इमरान कुंजड़ा पिता मोहम्मद यूनुस (सभी निवासी रतलाम)
आकिफ अतीक निवासी ठाणे, महाराष्ट्र
तीन और आतंकियों की संपत्ति हो सकती है अटैच
जयपुर में सीरियल ब्लास्ट करने के लिए 12 किलो आरडीएक्स ले जाने वाले रतलाम के तीन और आरोपियों की संपत्ति भी एनआईए अटैच कर सकती है। इसके लिए एनआईए ने इन तीनों की संपत्ति की संबंधित विभागों से जानकारी जुटाना शुरू कर दी है। आरोपियों में अल्तमश शेरानी, सैफुद्दीन उर्फ सैफुल्लाह पिता रमजानी (दोनों निवासी शेरानीपुरा रतलाम) और जुबेर पिता फकीर मोहम्मद निवासी आनंद कॉलोनी, रतलाम शामिल हैं। संपत्ति अटैच करने के लिए संबंधित विभागों से जानकारी जुटाई जा रही है।
इमरान देता था IED बम बनाने की ट्रेनिंग
NIA ने विशेष कोर्ट में रतलाम निवासी 10 आरोपियों और ठाणे महाराष्ट्र के एक आरोपी सहित 11 आतंकियों के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया है। NIA ने अपनी चार्जशीट में बताया कि राजस्थान के निंबाहेड़ा में 30 मार्च 2022 को केस दर्ज किया गया है। कार में विस्फोटक के साथ पकड़े गए आरोपियों के मामले में की गई विस्तृत जांच में कुल 11 आरोपियों की भूमिका सामने आई है।
मुख्य आरोपी इमरान पिता मोहम्मद शरीफ है। उसने सूफा संगठन के अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर आतंक फैलाने की साजिश रची थी। इसके लिए मुख्य आरोपी इमरान खान ने अपने फार्म हाउस पर ट्रेनिंग और मीटिंग आयोजित कर IED बम बनाना भी अपने साथियों को सिखाया था। IED बम बनाने के लिए सामग्री इमरान ने लोकल मार्केट से जुटाई थी।
रतलाम में 2012 में शुरू किया था सूफा संगठन
बताया जाता है कि सूफा संगठन की शुरुआत रतलाम में 2012 में हुई थी। शुरुआत में 40 – 45 युवकों ने मिलकर इसे शुरू किया था। बाद में रतलाम के करीब 70 युवा और जुड़ गए। संगठन की शुरुआत असजद और जुबेर ने की थी। इनका मकसद इस्लाम धर्म का प्रचार प्रसार कर मुस्लिम समाज में मौजूद लोगों को जोड़े रखना था, लेकिन बाद में ये युवाओं को बहकाने का काम करने लगे।
आतंकियों की स्लीपर सेल है सूफा
सूफा कट्टरपंथी सोच के कुछ युवकों का एक संगठन है। यह संगठन समाज में कट्टरपंथी सोच और तौर-तरीकों का हिमायती है। यह आतंकियों के स्लीपर सेल की तरह काम करता है। ग्रुप समाज में रहन-सहन के तौर-तरीके अपने हिसाब से चलाने के लिए विवादों में रहा है। मुस्लिम समाज के शादी-विवाह तथा अन्य कार्यक्रम रीति-रिवाजों को सूफा ने हिंदू रीति-रिवाज बताकर विरोध किया था। इस संगठन ने रतलाम में दो बड़े हत्याकांड को भी अंजाम दिया है।