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बुजुर्गों में दिखाई न देने की समस्या हो सकता है डिमेंशिया का संकेत, रिसर्च में हुआ खुलासा

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अमेरिका
शोधकर्ताओं ने एक नए अध्ययन में पाया है कि 71 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में दिखाई न देनी की समस्या डिमेंशिया के जोखिम का संकेत हो सकता है। शोधकर्ताओं का यह निष्कर्ष अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (जेएएमए) के नेत्र विज्ञान जर्नल में प्रकाशित हुआ है।

अमेरिका में मिशिगन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने अध्ययन के लिए लगभग 3,000 अमेरिकी नागरिकों के डाटा का विश्लेषण किया। उन्होंने प्रतिभागियों की दृष्टि का परीक्षण कर स्कोर दर्ज किए। शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों को देखने में दिक्कत थी, उन्हें उन लोगों की अपेक्षा जिन्हें देखने की कोई समस्या नहीं थी, डिमेंशिया का खतरा अधिक था।

डिमेंशिया के 40 प्रतिशत तक मामले 12 जोखिम कारकों से प्रभावित हो सकते हैं जिन्हें हम रोक सकते हैं या उनका प्रभाव कम कर सकते हैं। जैसे-धूमपान, हाई ब्लड प्रेशर और सुनाई न देना आदि। दिखाई न देने की समस्या उन 12 मौजूदा जोखिम कारकों में नहीं है जिन्हें हम जानते हैं। लेकिन शोधकर्ताओं ने दिखाई न देने की समस्या और डिमेंशिया के बीच स्पष्ट साक्ष्य पाया है।

ब्रिटेन में अल्जाइमर रिसर्च में नीति प्रमुख डा.सुसान मिशेल ने कहा कि यह डिमेंशिया अनुसंधान के लिए एक महत्वपूर्ण समय है, क्योंकि इस बात के साक्ष्य मिलते हैं कि दिखाई न देने जैसे कारक डिमेंशिया से कैसे जुड़े हैं। इस तरह के अध्ययन संभावित नए डिमेंशिया जोखिम कारकों की पहचान करने और अंतत इसे शुरू में ही रोकने में सहायक हो सकते हैं।