बिलासपुर
नेशनल और स्टेट हाईवे से मवेशियों को हटाने के लिए हाईकोर्ट ने पहली बार सख्ती दिखाई है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रजनी दुबे की डिवीजन बेंच ने इसके लिए पंचायत से लेकर राज्य स्तर पर आठ सदस्यीय कमेटी बनाने के आदेश दिए हैं। साथ ही यह स्पष्ट किया है कि आदेश का पालन नहीं होने पर कमेटी के सदस्य ही जवाबदेही होंगे। इस केस की अगली सुनवाई चार सितंबर को होगी। इसमें राज्य सरकार की तरफ से चीफ सेक्रेटरी को शपथ पत्र देना होगा।
प्रदेश की अमूमन हर सड़क पर मवेशी बैठे हुए नजर आते हैं, जिसके कारण हादसों की आशंका बनी रहती है और लोगों की मौत हो जाती है या फिर घायल हो जाते हैं। बड़ी संख्या में मवेशियों की भी जान चली जाती है। करीब 10 साल पहले भी जनहित याचिका के जरिए इस मुद्दे को उठाया जा चुका है।
हाईकोर्ट ने कई बार इसे लेकर दिशा- निर्देश भी जारी किए। वर्ष 2019 में लगाई गई दो जनहित याचिकाओं पर बीते दिनों सुनवाई करते हुए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाने और इस समस्या को दूर करने ठोस योजना बनाकर हाईकोर्ट में पेश करने को कहा था। दोनों जनहित याचिकाओं में सड़कों पर मवेशियों के बैठे होने की वजह से होने वाले हादसों की जानकारी देते हुए राज्य सरकार और संबंधित एजेंसियों को इस समस्या को दूर करने दिशानिर्देश देने की मांग की गई है।
डिवीजन बेंच ने कहा- आठ सदस्यीय कमेटी बनाए सरकार
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रजनी दुबे की डिवीजन बेंच में इस केस की सुनवाई हुई। सभी पक्षों को सुनने के बाद उन्होंने अपने आदेश में कहा है कि राज्य सरकार आठ सदस्यीय कमेटी बनाए और उनकी जिम्मेदारी तय करें कि वे नेशनल और स्टेट हाइवे से मवेशियों को हटवाएं। मवेशियों को पकड़ने के बाद उसके मालिकों पर जुर्माना करने के बाद ही छोड़ना होगा। मवेशियों को गौशाला या गौठान में रखने के निर्देश भी दिए गए हैं।
इसमें यह भी ध्यान रखना होगा कि शिफ्टिंग के दौरान मवेशियों को किसी तरह की चोट न आए। जिन स्थानों पर रखा जाएगा, वे सूखे और साफ-सुथरे हों। नेशनल और स्टेट हाईवे पर मवेशियों के कारण आवागमन में बाधा होती है, बल्कि कई जगहों पर गंभीर स्थिति बन जाती है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए राज्य सरकार को हर जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।
जगह-जगह लगाएं कर्मचारियों की ड्यूटी
डिवीजन बेंच ने सड़क से लगे गांव के लोगों को मवेशियों को हटाने के लिए काम पर रखने का भी सुझाव दिया गया है। कोर्ट ने कहा कि मवेशियों के गले में रिफ्लेक्टिव टेप लगाए जाएं, जिससे वाहन चालकों को पता चल सके कि मवेशी मालिक कौन है। हाईकोर्ट ने कमेटी को सभी मवेशियों के गले में उनके मालिकों के नाम का टैग लगाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं, जिससे मालिकों का पता लगाने में कोई दिक्कत न हो और कार्रवाई में आसानी हो। आठ सदस्यीय कमेटी को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि लोग ऐसी समस्याओं के संबंध में शिकायत कर सकें और उसका समाधान किया जा सके।