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नीतीश कुमार की वजह से NDA से अलग हुए थे, BJP से नहीं: चिराग पासवान

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नईदिल्ली

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान एनडीए में शामिल हो गए हैं. एनडीए में शामिल होने के बाद चिराग पासवान ने एनडीटीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि 2020 में एनडीए से अलग होने का फैसला कई हालात में लिया गया था. उस समय नीतीश कुमार एनडीए के मुद्दे पर थे. हम एनडीए से 2020 में अलग हुए थे बीजेपी से नहीं. नीतीश कुमार के साथ हमलोग सहज नही थे. हमारी बात सुनी नहीं जा रही थी. सीटों को लेकर भी कई मतभेद था. बिहारी फर्स्ट की बात नहीं सुन रहे थे. विकास की जो उस समय मापदंड तय किए जाने थे, वह नहीं किए जा रहे थे. मुख्यमंत्री जी की राय अलग थी, सीटों की संख्या बहुत कम थी. इसलिए हमारी राय को किनारा किया जा रहा था.

"एनडीए से अलग होने के बावजूद बीजेपी का किया समर्थन "
उसके बाद समय-समय पर बीजेपी को मुद्दे के आधार पर समर्थन किया. मैंने एनडीए से अलग होने के बावजूद बीजेपी का उपचुनाव में समर्थन किया. हमारी कुछ चिंताएं थी, जो बीजेपी के सामने हमने रखा. आम सहमति बनने के बाद अमित शाह और नड्डा जी मुलाकात हुई . उसके बाद हम एनडीए में शामिल हो गए. इन तमाम बातों को मद्देनजर हमने अलग हो जाने का फैसला लिया. हमने भाजपा से नहीं बल्कि नीतीश कुमार जी की वजह से अलग होने का फैसला किया था. अब एनडीए से अलग में चर्चा हुई, तब हमने वापसी करने का फैसला लिया है.

व्यक्तिगत विषयों पर प्राथमिकता नहीं होनी चाहिए
उन्होंने कहा, मैं चाचा के ऊपर कुछ नहीं कर सकता. वह भी इस गठबंधन के हिस्सा हैं, क्योंकि मैं इस गठबंधन का हिस्सा बना, मुझे लगता है सब का एक ही लक्ष्य होना चाहिए. गठबंधन को मजबूत कर 2024 और 2025 की लड़ाई अच्छे  से लड़ना चुनाव प्राथमिकता होनी चाहिए. व्यक्तिगत विषयों पर प्राथमिकता नहीं होनी चाहिए. हाजीपुर मेरे पिता की परंपरागत सीट रही है. उनकी गैर मौजूदगी ने उनके जो काम-काज हैं, उनको पूरा करने को हमेशा से मैंने प्राथमिकता दिया है. हमने बीजेपी नेतृत्व के सामने इस बात को मजबूती से रखा है, जब 2024 में नामांकन दर्ज किया जाएगा तब आप देख लेंगे. उनके खिलाफ जा पक्ष में जाने की बात नहीं है. यह फैसला एनडीए को ही लेना है बीजेपी को लेना है, अस्पष्टता बाद में आ जाएगी. मुझे नहीं लगता है कि ऐसे बयान बाजी करने से कोई सीट मिलती है.