लखनऊ
सोशल मीडिया पर पिछले कुछ दिनों से लगातार पाकिस्तान से भाग कर भारत आई सीमा हैदर ट्रेंड कर रही है। उसको झटपट भारतीय नागरिकता दिलाने के लिए पोस्ट भी हो रहे हैं। ऐसे में पाकिस्तान से जान बचाकर लखनऊ आने वाले सिंधी परिवारों की बेचैनी बढ़ गई है। वजह यह है कि वे लंबे समय से नागरिकता पाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। सरकार की ओर से नियम कानून आसान किए जाने के बावजूद भी लखनऊ में 200 से अधिक लोग नागरिकता के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनको लग रहा है कि कहीं सीमा हैदर की वजह से उनको मिलने वाली नागरिकता की प्रक्रिया प्रभावित न हो जाए।
एलडीए कालोनी में रहने वाले दिलीप साजवानी (गुरुदीनो) अपने माता-पिता के साथ साल 1987 मे अटारी बॉर्डर से भारत में दाखिल होकर लखनऊ पहुंचे थे। लॉन्ग टर्म वीजा की अवधि खत्म होने को हुई तो नागरिकता के लिए आवेदन किया। उस समय नियम सख्त थे। ऐसे में आए दिन नागरिकता के लिए कलेक्ट्रेट के चक्कर काटते रहे। 2014 में उनके पिता का निधन हो गया। दिलीप के अनुसार उनके कागजात अब पूरे हो गए हैं। उन्हें अब उम्मीद है कि जैसे ही रिपोर्ट लग जाएगी उन्हें नागरिकता मिल जाएगी। वहीं, कानपुर रोड पर रहने वाले आकाश ने 2004 मे नागरिकता के लिए आवेदन किया था। पाकिस्तान के सिध प्रांत से आकाश अपनी पांच बहनों और दो भाइयों के साथ लखनऊ आए थे। वह बराबर नागरिकता के लिए प्रयास कर रहे हैं। अभी कागजात पूरे नहीं हो पाए हैं इसलिए संघर्ष जारी है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के प्रयास से साल 2018 से अब तक लखनऊ में बसे 300 लोगों को भारतीय नागरिकता मिल चुकी है। इसकी शुरुआत सांसद राजनाथ सिंह ने 2018 मे 55 लोगों को नागरिकता प्रमाणपत्र देने के साथ की। वहीं, केंद्र सरकार ने नागरिकता देने के लिए जिलाधिकारी स्तर पर अधिकार दे दिए हैं फिर भी लोग परेशान हैं।
नौकरी, बच्चों की पढ़ाई में आती है दिक्कत
पाकिस्तान से आए सिंधी परिवार अपने को भारतीय मानते हैं। उनका कहना है कि बंटवारे के समय ऐसी स्थिति नहीं थी के वे निकल पाते। पाकिस्तान की नागरिकता होने के कारण बच्चों की पढ़ाई से लेकर नौकरी मिलने तक में दिक्कत आती है। सिंधी समाज के श्रीशचन्द्र ने बताया कि लखनऊ में ज्यादा दिक्कत नहीं है लेकिन जब बच्चे बड़े हो कर उच्च शिक्षा के लिए दूसरे राज्य जाना चाहते हैं तो पाकिस्तानी नागरिकता अड़चन बन जाती है। इस मामले में एडीएम प्रशासन एवं प्रभारी नागरिता शुभी काकन ने बताया कि जिनके दस्तावेज पूरे हैं उनको नागरिकता मिलने में ज्यादा समय नहीं लगता। मासिक समीक्षा भी होती है। जिनके कागजात कम हैं उनको बता दिया जाता है कि वह उपलब्ध करा दें।
यह है प्रक्रिया
नगरिकता के लिए आवेदन ऑनलाइन होता है। यह आवेदन गृह विभाग की वेबसाइट पर करना होता है। उसी पर आवश्यक फार्म भी उपलब्ध रहते हैं जिनको ऑनलाइन भरा जाता है। इसके बाद पासपोर्ट सरेंडर करना होता है। लॉन्ग टर्म वीजा आदि का विवरण दर्ज करना होता है। विवाहित हैं तो मैरिज सर्टिफिकेट आदि लगते हैं। उसके बाद नागरिकता केलिए आवेदन डीएम के पोर्टल पर जारी हो जाता है। यहां से आवश्यक कार्रवाई के बाद नागरिकता प्रमाणपत्र जारी हो जाता है।