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इंदौर जिला कुपोषित बच्चों की संख्या कम करने के मामले में रहा पीछे, बढ़ी कुपोषितों की गिनती

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भोपाल

देश के सबसे स्वच्छतम शहरों में शुमार इंदौर कुपोषित बच्चों की संख्या कम करने के मामले में अन्य महानगरों से पीछे रह गया है। यहां पिछले साल के मुकाबते अति कुपोषित बच्चों की संख्या में इजाफा हो गया है। वहीं मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल और महानगर ग्वालियर में पिछले साल की अपेक्षा कुपोषित बच्चों की संख्या में कमी आई है।

अटल बिहारी वाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन की तिमाही रिपोर्ट जनवरी से मार्च 2023 के अनुसार प्रदेश में लगभग 78 हजार बच्चों में कुपोषण पाया गया है जिसमें 21 हजार 631 बच्चे गंभीर कुपोषित और 57 हजार 602 बच्चे मध्यम कुपोषित पाए गए । इंदौर संभाग को छोड़कर शेष संभागों में कुपोषित बच्चों की संख्या कम हुई है। इंदौर संभाग में वर्ष 2022 में जनवरी से मार्च के बीच एसएएम बच्चों याने अति कुपोषित बच्चों की संख्या 6 हजार 365 थी। वही इस साल वर्ष 2023 के जनवरी से मार्च के बीच की अवधि में अति कुपोषित बच्चों की संख्या बढ़कर 6 हजार 491 हो गई है।

भोपाल-ग्वालियर में घटे कुपोषित बच्चे
भोपाल संभाग में पिछले साल जनवरी से मार्च के बीच अतिकुपोषित बच्चों की संख्या 1626 थी जो इस वर्ष की इसी तिमाही में घटकर 1455 रह गई है।ग्वालियर संभाग में यह संख्या पिछले साल 3018 थी जो इस साल घटकर 1391 रह गई है। चंबल संभाग में पिछले साल के 1832 के मुकाबले इस वर्ष 1486, रीवा संभाग में पिछले साल के 3320 के मुकाबले इस वर्ष 2168,  सागर संभाग में पिछले साल के 3231 के मुकाबले यह संख्या घटकर 2948 हो गई है। उज्जैन संभाग में यह संख्या पिछले साल के 2321 के मुकाबले घटकर 1766 रह गई है।