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देखने की क्षमता और डिमेंशिया के बीच रिलेशन

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नए अध्ययन के मुताबिक, अगर आंखों से जुड़ी समस्यों का उपचार समय पर नहीं किया जाए तो उससे डिमेंशिया विकसित होने की संभावना बढ़ सकती है। पहले के शोधों में मस्तिष्क और नजर के बीच के संबंध पर अध्ययन किया जा  चुका है। जामा आॅप्थैल्मोलॉजी जर्नल के लेखक और मिशिगन यूनिवर्सिटी में विजुअल साइंस और आॅप्थैल्मोलॉजी के सहायक प्रोफेसर डॉ. जोशुआ एर्लिच ने कहा कि इस नए अध्ययन में देखने की क्षमता और डिमेंशिया के लक्ष्णों पर उसके प्रभाव के बीच के संबंध को देखा गया।

3 हजार लोगों पर स्टडी हुई
एर्लिच और उनके सह-लेखकों ने अमेरिका की 2021 में की गई नेशनल हेल्थ एंड ऐजिंग ट्रेंडस स्टडी के आंकड़ों को देखा। इसमें लगभग 3,000 लोगों को शामिल किया गया था। इन लोगों को नजदीक और दूर की नजर के साथ कॉन्ट्रास्ट सेंसटिविटी के परीक्षण के लिए टैबलेट डिवाइस दिए गए। इन लोगों में 71 साल से अधिक उम्र वालों की डिमेंशिया स्क्रीनिंग इंटरव्यू से जांच की गई। इन सभी में से 12.3% लोगों में डिमेंशिया के लक्षण दिखे। इन लक्षणों में जिन लोगों की दूर की नजर खराब थी उनमें 19.5% और जिनकी पास की नजर खराब थी उनमें 21.5% की बढ़त देखी गई। इसके अलावा ऐसे लोग जिनके देखने की क्षमता मध्यम से गंभीर तौर पर खराब थी या वो दृष्टिबाधित थे, में 32.9% की बढ़ोतरी देखी गई। निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता कि नजर कम होने से डिमेंशिया होता है लेकिन, ये पक्का है कि दोनों में संबंध है।

नजर कम होना खतरे की घंटी
एर्लिच ने कहा, डिमेंशिया नजर कम होने का कारण हो सकता है, या दोनों चीजें एक ही समय भी हो सकती हैं। नजर कम होने या दृष्टिहीनता में करीब 80% से ज्यादा मामलों को या तो रोका जा सकता है या फिर पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। इसके लिए आंखें चेक करवाना जरूरी है। जैसे ही देखने की क्षमता कम हो जाए या कोई समस्या लगे तो उसका तुरंत इलाज करवाएं। जिन लोगों की नजर जा चुकी है या ठीक नहीं हो सकती उन्हें ऐसी गतिविधियों से जुड़ना चाहिए जिससे मस्तिष्क का व्यायाम होता रहे।

नजर के अलावा सभी इंद्रियों का ध्यान रखना होगा
मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए इंद्रियों का ख्याल रखना जरूरी है। इससे डिमेंशिया को रोकने में भी मदद मिल सकती है। हमें ऐसे व्यायाम और खानपान से जुड़े रहना चाहिए जिससे इंद्रियों को फायदा हो। देखने के अलावा सुनने, सुंघने की क्षमता घटने से भी डिमेंशिया होने की संभावना बढ़ जाती है।

5.5 करोड़ लोग डिमेंशिया के शिकार
विश्व स्वास्थ्य संगठन (हऌड) की मानें तो दुनिया में 5.5 करोड़ लोग डिमेंशिया से पीड़ित हैं। इनमें से 60% मरीज लो या मिडिल इनकम देशों में रहते हैं। भूलने की बीमारी के ज्यादातर मरीज बुजुर्ग ही होते हैं। हऌड के मुताबिक, साल 2030 तक मरीजों की संख्या बढ़कर 7.8 करोड़ हो जाएगी। वहीं, साल 2050 तक यह आंकड़ा 13.9 करोड़ पर पहुंच जाएगा। धूप का आनंद लें। यह आपके शरीर में विटामिन ऊ की पूर्ति करता है। विटामिन ऊ डिमेंशिया का खतरा 33% तक कम करता है। यह दावा अमेरिका की टफ्ट्स यूनिवर्सिटी की रिसर्च में किया गया है। रिसर्चर्स ने 290 लोगों में विटामिन ऊ के प्रभाव पर स्टडी की।