नई दिल्ली
देश में समान नागरिक संहिता को लेकर बहस इन दिनों तेज है। शनिवार को कांग्रेस पार्टी में सीनियर नेताओं ने इस मुद्दे पर मंथन किया और उन्होंने सभी के लिए एक जैसे कानून की बात को खारिज कर दिया। कांग्रेस ने तय किया है कि सरकार द्वारा ड्राफ्ट बिल लाए जाने के बाद वे इसका विरोध करेंगे। एक वरिष्ठ नेता ने कहा, मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में संपन्न हुई बैठक में तय किया गया है कि एक आंतरिक रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
बता दें कि समान नागरिक संहिता (UCC) का मतलब सभी धर्मों और आदिवासियों के लिए शादी, तलाक, उत्तरधिकार से जुड़ा एक ही कानून। यह संविधान में नीति निर्देशक सिद्धांतों का हिस्सा है। इससे पहले 2018 में लॉ कमीशन में इसको लेकर रिपोर्ट दी थी और कहा था कि यह फिलहाल आवश्यक नहीं है। इस महीने लॉ कमीशन ने फिर से राय मशविरा की है और लोगों से भी राय मांगी है। इसके अलावा उत्तराखंड ने भी यूसीसी को लागू करने के लिए पैनल बनाया है।
27 जून को प्रधानमंत्री मोदी बीजेपी बूथ कार्यकर्ताओं को संबोधित करते वक्त इसका जिक्र किया था। उन्होंने कहा था, आजकल लोगों को समान नागरिक संहिता के नाम पर भड़काया जा रहा है। आप बताइए एक घर में अगर एक व्यक्ति के लिए दूसरे नियम हों और दूसरे के लिए अलग तो क्या घर चल पाएगा? पीएम मोदी के सवाल के बाद भीड़ ने मोदी, मोदी का नारा लगाना शुरू कर दिया। पीएम मोदी ने कहा, इस तरह के हास्यास्पद सिस्टम से देश कैसे चल सकता है। हमें ध्यान रखना चाहिए कि भारत का संविधान भी सबके समान अधिकार की बात करता है।