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पटना से कोलकाता तक स्टीमर से गंगा विहार कर सकेंगे पर्यटक, जानें क्या है सरकार का प्लान?

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भागलपुर

पर्यटकों का पटना से भागलपुर के रास्ते कोलकाता तक स्टीमर से गंगा विहार का सपना जल्द साकार होने वाला है। गंगा में जल परिवहन के लिए सुल्तानगंज में टर्मिनल निर्माण (जेट्टी) के लिए जमीन मिल गई है। यहां आरओ-आरओ टर्मिनल का निर्माण किया जाना है, ताकि पैसेंजर और कार्गो जहाज का डेक तैयार हो सके। जिला प्रशासन ने बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम को जमीन का ब्योरा दिया है।

पर्यटन विकास निगम को 103.03 डिसमिल जमीन
अपर समाहर्ता ने निगम के प्रबंध निदेशक को अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) का पत्र भेज दिया है। एडीएम महफूज आलम ने बताया कि निगम ने यहां आरओ-आरओ पैक्स वैसेल बर्थिंग जेट्टी निर्माण के लिए भूखंड की मांग की थी। इसके लिए सुल्तानगंज के सीओ ने एनओसी दी थी। उसे ही आधार बनाकर पर्यटन विकास निगम को भेजा गया है। यह जमीन अनाबाद बिहार सरकार की है। कुल 103.03 डिसमिल (0.4132 हेक्टेयर) जमीन दी गई है। जमीन की लंबाई 300 फीट और चौड़ाई 150 फीट है। यह जमीन सुल्तानगंज में नमामि गंगे घाट की पूर्व दिशा में है।

कोलकाता रूट में बटेश्वर के पास भी होगा निर्माण
बता दें कि 40 साल बाद पटना- भागलपुर-कोलकाता के बीच पैसेंजर जहाज के परिचालन के लिए पहल शुरू हुई है। इसके लिए भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण से भी एनओसी मांगी गई है। पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कोलकाता से पटना यात्रा के दौरान एक जहाज भागलपुर में भी रखा जाएगा। तीन माह पहले कोलकाता से वाराणसी तक गंगा विलास क्रूज सेवा शुरू हुई थी। इसके बाद पर्यटन विभाग ने जल परिवहन सेवा शुरू करने का निर्णय लिया। दरअसल, राज्य सरकार ने भी आरओ-आरओ वेसेज क्रूज चलाने के लिए मंजूरी दे दी है। इसका फायदा शादी समारोह या बड़े सेमिनार, सम्मेलन व अन्य कार्यक्रम में हो सकेगा। क्रू पर ही करीब 300 लोग बैठ सकेंगे।

चलते जहाज पर शादी-विवाह की तैयारी
पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पटना से भागलपुर के बीच गंगा नदी में कई जगहों पर पैसेंजर, पर्यटक और समान को उतारने और चढ़ाने के लिए कई जगहों पर जेट्‌टी लगाई जानी जानी है। चूंकि भागलपुर में सुल्तानगंज और कहलगांव के बटेश्वर स्थान के पास टूरिज्म स्थल है। इसलिए यहां जेट्टी जरूरी है। स्टीमर पर लंबी यात्रा से थके टूरिस्टों को जेट्टी पर उतारकर स्थानीय चीजों को दिखाने में मदद मिलेगी।